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भारत में बैन के बावजूद बढ़ रही अश्लील फिल्मों की लत

26 नवंबर 2022 को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में 17 साल के एक नाबालिग लडक़े ने 10 साल की लडक़ी से रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी। आरोपी लडक़े की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि उसे अश्लील फिल्में देखने की लत थी। इस घटना के 4 दिन बाद 30 नवंबर को इसी तरह का एक मामला हैदराबाद में सामने आया।
यहां एक लडक़ी से रेप करने के आरोप में पुलिस ने 5 नाबालिग लडक़ों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों ने घटना को अंजाम देने से पहले पोर्न वीडियो देखा था। इन दो घटनाओं के बाद से ही इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या पोर्नोग्राफी वीडियो की वजह से रेप और यौन उत्पीडऩ के मामले बढ़े हैं?
ऐसे में भारत में पोर्न देखने वालों का कितना बड़ा बाजार है, पोर्न साइट्स पर बैन लगाने के बाद भी लोग आसानी से कैसे पोर्न देख रहे हैं?
अब खबर में आगे बढऩे से पहले ग्राफिक में जानिए कि पोर्न एडिक्ट होने का मतलब क्या हैज्
पोर्न कंटेंट बैन कराने में भारत सरकार किस हद तक सफल हुई?
2017 से 2018 के बीच भारत में पॉर्न देखने की दर में 75 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। छोटे शहरों के लोग काफी अधिक संख्या में इसे देख रहे हैं। यही वजह है कि 2018 में ही भारत सरकार ने करीब 850 पोर्न वेबसाइटों पर बैन लगा दिया था।
इसके अलावा 29 सितंबर 2022 को भी केंद्र सरकार ने 67 पोर्नोग्राफिक वेबसाइटों पर बैन लगाया था। इसके बावजूद पोर्न वीडियो इंटरनेट पर आसानी से उप्लब्ध है। इसकी 3 मुख्य वजह हैं-

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