
राजस्थान में सियासी चर्चाएं शुरू: सीएम अशोक गहलोत आ रहे बीकानेर, उधर सचिन पायलट दिल्ली में राहुल गांधी व प्रियंका से कर रहे मंत्रणा






नईदिल्ली. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ लंबी मंत्रणा के बाद सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार देर शाम सचिन पायलट ने राहुल गांधी के आवास पर राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। करीब एक घंटे तक सचिन पायलट ने राजस्थान और देश के सियासी मुद्दों पर चर्चा की। इस मुलाकात को सचिन पायलट को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने से जोड़कर देखा जा रहा है।
पायलट की राहुल से मुलाकात में संगठन चुनाव गुजरात, हिमाचल चुनाव, राजस्थान में सत्ता और संगठन के हालात पर लेकर चर्चा हुई है। पार्टी संगठन को मजबूत करके नए वर्कर्स और यूथ को पार्टी से जोड़ने के रोडमैप पर भी बात हुई है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पायलट ने स्टार प्रचारक के तौर पर पार्टी का प्रचार किया था।
सचिन पायलट शुक्रवार को अजमेर दौरे पर गए थे। अजमेर से सीधे दिल्ली चले गए थे। इस बैठक और मुलाकात के पीछे प्रियंका गांधी का रोल माना जा रहा है। यूपी में सचिन पायलट ने प्रियंका के साथ प्रचार किया था। आगे भी पायलट महंगाई के मुद्दे पर पार्टी का पक्ष रखने के लिए देश भर में जा सकते हैं। पायलट ने गुरुवार को जयपुर में महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के धरने में भी इस बात के संकेत दिए थे। पायलट ने मेंबरशिप की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने पर फोकस करने की नसीहत दी थी।
नई जिम्मेदारी पर जल्द होगी तस्वीर साफ
सचिन पायलट ने राजस्थान में सत्ता और संगठन को लेकर कई मुद्दे उठाए थे। मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के बाद काफी हद तक पायलट कैंप को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। पायलट के सत्ता.संगठन से जुड़े कुछ मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं। सचिन पायलट के पास फि लहाल कोई पद नहीं है। उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चाएं है। पायलट को किस स्तर पर जिम्मेदारी कब मिलेगी इस पर जल्द तस्वीर साफ होने के आसार हैं।
चुनावी साल से पहले पार्टी पायलट को बड़ी जिम्मेदारी देने का दांव खेल सकती है। पायलट यह भी कह चुके हैं कि पार्टी जहां जिम्मेदार देगी वहां काम करने को तैयार हूं। राजस्थान पर बराबर निगाह रहेगी। पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर भी जिम्मेदारी देती है तो भी पायलट राजस्थान में लगातार सक्रिय रहेंगे। यह बात खुद पायलट सार्वजनिक रूप से कई बार कह चुके हैं।
पायलट को आगे करने की रणनीति
कांग्रेस की लगातार हार और कई नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने के बाद सेकेंड लेवल पर जनाधार वाले तेज तर्रार नेताओं की किल्लत है। सचिन पायलट की यूथ के अलावा हर एज ग्रुप में अच्छी फेन फॉलोइंग है। पब्लिक पर्सेप्शन को कांग्रेस के पक्ष में करने के लिए सचिन पायलट एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
इसलिए हाईकमान पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजस्थान में उपरी तौर पर भले ही सब ठीक होने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन खींचतान और खेमेबंदी अब भी जारी है। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच खींचतान सामने आती रहती है। अब ताजा मुलाकात के बाद एक बार फिर सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।


