पुलिस ने तीन बंगालदेशी महिलाओं को पकडा, आधारकार्ड, पासपोर्ट तक बना लिये - Khulasa Online पुलिस ने तीन बंगालदेशी महिलाओं को पकडा, आधारकार्ड, पासपोर्ट तक बना लिये - Khulasa Online

पुलिस ने तीन बंगालदेशी महिलाओं को पकडा, आधारकार्ड, पासपोर्ट तक बना लिये

बीकानेर। जासूसी का संदेह, इंटेलीजेंस एजेंसियां कर रही हैं पूछताछ, चार भाषाओं की जानकार बर्मा की नागरिक राेहिंग्या मुस्लिम महिला अपने ग्रुप के साथ अवैध रूप से भारत आई और यहां सेना की महाजन फायरिंग रेंज के पास घर बसा कर रहने लगी। उसने अपना आधार कार्ड भी बनवा लिया। जब बेटी का आधार कार्ड बनवाने गई ताे पकड़ी गई। इंटेलीजेंस एजेंसियों ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने पर दाे महिलाओं और एक किशाेरी काे पकड़ा है। जासूसी के संदेह में उससे गहन पूछताछ की जा रही है। फिलहाल इस संबंध में महाजन थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

महाजन फायरिंग रेंज के पास राेहिंग्या मुस्लिम महिला रशीदा(33), उसकी बहन हमीदा(30) और बेटी नूराकिस(15) संदिग्ध हालत में पकड़ा है। अब तक की छानबीन से पता चला कि रशीदा मूल रूप से बर्मा की रहने वाली है। वर्ष 2011 में बर्मा से बड़ी संख्या में राेहिंग्या मुस्लिम विस्थापित हुए थे। काफी समय तक वे बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रहे। माैके पाकर काफी राेहिंग्या बाॅर्डर पार कर भारत में आ गए। पुलिस और इंटेलीजेंस से बचने के लिए बिहारी बनकर मजदूरी करने लगे। रशीदा अपने ग्रुप के साथ हनुमानगढ़ आ गई। वहां उसके दूसरे साथी भी मिल गए। उनके साथ पीलीबंगा में एक खेत में मजदूरी करने लगी। वहां बशीर की ढाणी में रहने लगी।
महिला काे अकेली और बेसहारा देख बशीर ने महाजन रेंज में स्क्रैप चुगने का काम करने वाले अपने भतीजे यासीन से उसकी शादी करा दी। यासीन की पत्नी का इंतकाल हाे चुका था। उसके दाे बेटे हैं। रशीदा से शादी करने के बाद उसके दाे संतान और हाे गई। रशीदा भी उसके साथ रेंज में स्क्रैप चुगन जाने लगी। इन 12 साल में उसने अपना आधार कार्ड और पासपोर्ट भी बनवा लिया। उसके बाद वह फ्लाइट से एक बार बांग्लादेश भी जाकर अाई। वहां कॉक्स बाजार स्थित शरणार्थी कैंप में कुछ दिन परिजनों के पास रही। रशीदा पहले से शादीशुदा है। 2008 में उसके पति की मृत्यु हाे गई थी। नूराकिस उसके पहले पति से है।
बेटी व बहन भी आ गई, उनका आधार बनवाने गई ताे पकड़ी गई रशीदा की बेटी नूराकिस और बहन हमीदा कुछ महीने पहले ही बांग्लादेश से अवैध रूप से यहां आई हैं। रशीदा जब बांग्लादेश गई थी ताे उसने यहां तक आने का रास्ता बता दिया था। यहां दाेनाें छिप कर रही थीं। रशीदा अपनी तरह बेटी और बहन का आधार कार्ड बनवाने के प्रयास में जुट गई। इसके लिए उसने एक ई मित्र केंद्र पर संपर्क किया। इसकी खबर आर्मी इंटेलीजेंस तक पहुंची ताे हडकंप मच गया।
काॅल डिटेल से राेहिंग्याओं का पता लगा रही एजेंसियां
रशीदा मोबाइल से अपने साथियों से लंबे समय से संपर्क में है। इंटेलीजेंस एजेंसियां उसकी काॅल डिटेल के आधार पर विभिन्न स्थानों रह रहे अन्य राेहिंग्याओं पता लगा रही है। रशीदा की निशानदेही पर राजस्थान सहित देशभर में विभिन्न स्थानों पर छिपे राेहिंग्या मुसलमानों का पता चल सकेगा। यह भी पता लगाया जा रहा है कि महाजन रेंज के पास रहते हुए रशीदा ने सेना की किसी तरह की गोपनीय सूचनाएं ताे बाहर नहीं भेजी।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26