जिले में गंभीर समस्या का रुप ले चुके नशे पर लगाम लगाने को लेकर पुलिस ने डिजिटल मुखबिरी व्यवस्था अपनाई - Khulasa Online जिले में गंभीर समस्या का रुप ले चुके नशे पर लगाम लगाने को लेकर पुलिस ने डिजिटल मुखबिरी व्यवस्था अपनाई - Khulasa Online

जिले में गंभीर समस्या का रुप ले चुके नशे पर लगाम लगाने को लेकर पुलिस ने डिजिटल मुखबिरी व्यवस्था अपनाई

हनुमानगढ़। जिले में गंभीर समस्या का रूप ले चुके नशे पर लगाम लगाने को लेकर अब चिंता हर स्तर पर नजर आने लगी है। यह चिंता सूचना के तौर पर पुलिस के पास पहुंच रही है मतलब पुलिस प्रशासन की अपील पर पब्लिक मुखबिरी कर रही है। यह मुखबिरी भी डिजिटल की जा रही है। एसपी डॉ. अजय सिंह की ओर से जारी किए गए व्हाट्सएप नम्बर पर आमजन नशे के खिलाफ उत्साह से सूचना दे रहे हैं।
सूचनाओं की पड़ताल कर पुलिस एक्शन भी ले रही है। खुंजा में सर्च अभियान चलाकर चिट्टे व नकदी की बरामदगी तथा गोलूवाला में निजी बस से चिट्टा व पोस्त बरामदगी इसका उदाहरण है। जाहिर है कि पुलिस व पब्लिक का यह सामंजस्य निरंतर बढ़ा और नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाते रहे तो और ज्यादा सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना रहेगी।
अब तक कारगर मुखबिरी
एसपी डॉ. अजय सिंह ने व्हाट्सएप नम्बर जारी कर जनता से नशे की तस्करी संबंधी सूचनाएं देने की अपील की थी, वह अब तक कारगर रही है। जिले के जागरूक लोग इस व्हाट्सएप नम्बर पर निरंतर पुलिस को सूचनाएं मुहैया करवा रहे हैं। इनके आधार पर एक दर्जन से अधिक कार्रवाई तो पुलिस कर चुकी है। एसपी ने नशे की समस्या से निपटने, तस्करों पर सख्ती करने तथा कार्रवाई में जनता का सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से व्हाट्सएप नम्बर जारी किया था। यदि किसी नागरिक के पास नशे की तस्करी आदि से संबंधित कोई महत्वपूर्ण सूचना है तो वह व्हाट्सएप नम्बर 87645-31201 पर दे सकता है। इस नम्बर का संचालन तथा सूचनाओं की निगरानी एसपी खुद कर रहे हैं।
सहयोग जरूरी क्योंकि …
नशे की रोकथाम को लेकर पुलिस प्रशासन का सहयोग बेहद जरूरी है। क्योंकि नशे की बढ़ती समस्या कब, किसके घर के युवा को चपेट में ले ले, कुछ नहीं कहा जा सकता। इसलिए आमजन नशे को लेकर कोई सूचना हो तो पुलिस की ओर से जारी किए गए नम्बर पर जरूर दे। अगर कहीं पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है तो इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी जाए। जिले में निरंतर बढ़ती नशे की खपत एवं तस्करी का ही परिणाम है कि वर्ष 2018 से प्रकरणों की संख्या सौ से पार जा रही है। अब तो बीते दो बरसों से हर साल एनडीपीएस एक्ट के मामलों का आंकड़ा 200 से भी ऊपर निकल रहा है। नशीले पदार्थों की तस्करी के जो मामले पकड़े जा रहे हैं, उनमें ज्यादातर चिट्टे व मेडिकेटेड नशे से संबंधित है। इसके बाद पोस्त व अफीम के प्रकरण हैं। जब से चिट्टे व मेडिकेटेड नशे की खपत बढ़ी है तब से नशे की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।

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