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प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले से 81 मिनट का भाषण, पांच संकल्प लिए, नारी अपमान पर हुए भावुक

नईदिल्ली. आज पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौवीं बार लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई। 81 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने देश के सामने 5 संकल्प रखे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एक नए नाम ष्पीएम समग्र स्वास्थ्य मिशनष् का उल्लेख किया। इसके अलावाए भ्रष्टाचारए परिवार वादए भाषा और लोकतंत्र का जिक्र किया। गांधीए नेहरूए सावरकर को यादकर नमन किया।

नारी शक्ति के सम्मान और उनके गौरव की बात करते हुए भावुक भी हो गए। उन्होंने कहाए मैं एक पीड़ा जाहिर करना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि शायद ये लाल किले का विषय नहीं हो सकता। मेरे भीतर का दर्द कहां कहूं। वो है किसी न किसी कारण से हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई हैए हमारी बोल चालए हमारे शब्दों मेंण्ण् हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम स्वभाव सेए संस्कार से रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं। नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है। ये सामर्थ्य मैं देख रहा हूं।

हमें पंच प्रण लेना होगाए तभी आजादी के दीवानों के सपने साकार करेंगे
पीएम ने कहा कि अगर हम अपनी ही पीठ थपथपाते रहेंगे तो हमारे सपने कहीं दूर चले जाएंगे। इसलिए हमने कितना भी संघर्ष किया हो उसके बावजूद भी जब आज हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, तो अगले 25 साल हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज मैं लाल किले से 130 करोड़ लोगों को आह्वान करता हूं। साथियों मुझे लगता है कि आने वाले 25 साल के लिए भी हमें उन पांच प्रण पर अपने संकल्पों को केंद्रित करना होगा। हमें पंच प्रण को लेकरए 2047 जब आजादी के 100 साल होंगेए आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा।

पहला प्रण-अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चले। बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना होगा। बड़ा संकल्प हैए विकसित भारत।

दूसरा प्रण- किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर गुलामी का एक भी अंश अगर अभी भी है तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। अब शत प्रतिशत सैंकड़ों साल की गुलामी में जो हमें जकड़कर रखा हैए हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी।

तीसरा प्रण- हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही विरासत जिसने कभी भारत का स्वर्णिम काल दिया था। इस विरासत के प्रति हमें गर्व होना चाहिए।

चौथा प्रण- एकता और एकजुटता। 130 करोड़ देशवासियों मे एकता। न कोई अपना न कोई पराया। एकता की ताकत एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपनों के लिए हमारा चौथा प्रण है।

पांचवां प्रण- नागरिकों का कर्तव्य। जिसमें पीएम भी बाहर नहीं होताए सीएम भी बाहर नहीं होता है। वो भी नागरिक हैं। आने वाली 25 साल के सपनों को पूरा करने के लिए एक बहुत बड़ी प्राणशक्ति है। जब सपने बड़े होते हैं। जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है।

मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें: जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा

भ्रष्टाचार और परिवारवाद- मोदी ने कहाए श्आज हम दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और श्परिवारवादश् या भाई.भतीजावाद। हमें अपनी संस्थाओं की ताकत का एहसास करने के लिएए योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने के लिए श्परिवारवादश् के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी होगी। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा हैए हमें इससे लड़ना है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश को लूटाए उन्हें लौटाना होगा। बैंक लूटनेवालों की संपत्ति जब्त हो रही है।
हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती हैरू मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।

जय अनुसंधान का नारा दिया- पीएम ने आज लाल किले की प्राचीर से नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवानए जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है। अब जय जवानए जय किसानए जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो।
संयुक्त परिवार देश की बड़ी विरासतरू मोदी ने कहा कि जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता हैए सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है। संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुईए ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं।
भारत लोकतंत्र की जननीरू मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जेहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं। सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएंए अपेक्षाएंए उतार.चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला।

हमने उन्हें याद कियाए जिन्हें भुला दिया गयारू जब हम आजादी की चर्चा करते हैंए तो जंगलों में रहने वाले आदिवासी समाज का गौरव नहीं भूलते। बिसरा मुंडा समेत अनगिनत नाम है। जिन्होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर सुदूर जंगलों में आजादी के लिए मर मिटने की प्रेरणा जताई। एक दौर वो भी थाए जब स्वामी विवेकानंदए स्वामी अरविंदोए रविंद्र नाथ टैगोर भारत की चेतना जगाते रहे। 2021 से शुरू हुए आजादी के अमृत महोत्सव में देशवासियों ने व्यापक कार्यक्रम किए। इतिहास में इतना बड़ा महोत्सव पहली बार हुआ। हमने उन महापुरुषों को भी याद कियाए जिन्हें इतिहास में जगह नहीं मिली या उन्हें भुला दिया गया।
सबने दर्द खुशी खुशी सहीरू मोदी ने कहाए श्14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को भी हृदय के घावों को याद करके मनाया। देश वासियों ने भारत के प्रति प्रेम के कारण सबने दर्द खुशी खुशी सहे। आजादी के अमृत महोत्सव में हम सेना के जवानोंए पुलिस कर्मीए ब्यूरोक्रेटए लोकसेवकए जनप्रतिनिधिए शासक.प्रशासकों को याद करने का अवसर है।श्

डराया गयाण्ण्ण् फिर भी भारत आगे बढ़ता रहारू 75 साल की हमारी ये यात्रा अनेक उतार चढ़ाव से भरी हुई है। सुख दुख की छाया मंडराती रही है। इसके बीच भी हमारे देशवासियों ने पुरुषार्थ किया। उपलब्धियां हासिल कीं। ये भी सच्चाई हैए सैकड़ों सालों की गुलामी ने गहरी चोटें पहुंचाई हैं। इसके भीतर एक जिद थीए जुनून था। आजादी मिल रही थी तो देशवासियों को डराया गया। देश के टूटने का डर दिखाया गया। लेकिनए ये हिंदुस्तान है। ये सदियों तक जीता रहा है। हमने अन्न का संकट झेलाए युद्ध के शिकार हुए। आतंकवाद का प्रॉक्सीवारए प्राकृतिक आपदाएं झेलींए लेकिन इसके बावजूद भारत आगे बढ़ता रहा।
बच्चे कह रहे हैं कि अब विदेशी खिलौने से नहीं खेलेंगेरू पीएम ने कहाए 5 साल का बच्चा घर में विदेशी खिलौने से नहीं खेलने का संकल्प करता हैए तब आत्मनिर्भर भारत उसकी रगों में दौड़ता है। आप देखिएए पीएलआई स्कीम। एक लाख करोड़ रुपएए दुनिया के लोग भारत में नसीब आजमाने आ रहे हैं। भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। आज देश बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। जब हमारा ब्रह्मोस दुनिया में जाता है तो कौन हिंदुस्तानी होगा जिसका मन आसमां को नहीं छूता होगा। हमें आत्मनिर्भर बनना है। हमें ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनना है। हमें सोलरए विंड एनर्जी का क्षेत्र होए मिशन हाइड्रोजनए बायो फ्यूलए इलेक्ट्रिक वीइकल पर जाने की बात हो हमें आत्मनिर्भर बनना होगा।
सेना के जवानों नेए सेनानायकों को सलामरू आजादी के 75 साल बाद जिस आवाज को सुनने को लिए हमारे कान तरस रहे थे। 75 साल के बाद लाल किले से तिरंगे को सलामी देने का काम मेड इन इंडिया तोप ने किया है। कौन हिंदुस्तानी होगा जिसको ये आवाज नई प्रेरणा और ताकत नहीं देगी। मेरे देश की सेना के जवानों का अभिनंदन करना चाहूंगा। मेरी सेना के जवानों नेए सेनानायकों ने जिस जिम्मेवारी के साथ कंधे पर उठाया हैए उनको आज मैं सलाम करता हूं। सेना का जवान मौत को मु_ी में लेकर चलता है।

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