अवैध कनेक्शनों की भरमार,पेयजल के लिए हाहाकार

अवैध कनेक्शनों की भरमार,पेयजल के लिए हाहाकार

पेयजल विभाग की अनदेखी से जल संकट

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिले के लूणकरणसर के अर्जुनसर से 15 किलोमीटर दूर जिले की सीमा पर स्थित फुलेजी गांव के लोग जलदाय विभाग की अनदेखी से नहर बंदी समाप्त होने के बावजूद पानी का संकट भुगत रहे है। पांच हजार की आबादी वाले इस बड़े गांव में पेयजल की आपूर्ति पाइप लाईन के जरिए अर्जनसर स्थित जलप्रदाय योजना से होती है। लोहे की डी आई पाइप के बावजूद, पंद्रह किमी की दूरी में तीन दर्जन से अधिक अवैध जल संबंधों ने पूरे गांव को पानी की किल्लत से त्राहि त्राहि करवा रखा है। फुलेजी में स्थित जलदाय विभाग का एकमात्र टयूवेल भी पिछले छ: माह से बंद पड़ा है जो नहर बंदी के दौरान भी चालू नहीं होने से कोढ़ में खाज साबित हो रहा है।पानी के लिए परेशान फुलेजी के सेंकड़ों ग्रामीणों सहित सरपंच राजाराम झोरड़, पंच महेंद्र जयपाल आदि ने जिला कलेक्टर को इस सम्बंध में शिकायत करते हुए कड़ी कारवाही की मांग की है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने अवैध सटको का खुलासा करते हुए बताया है कि निजी, सरकारी तथा व्यवसायिक उपयोग में अवैध पानी लेने वाले बेखौफ होकर नित नए सटके लगा रहे है जबकि सूचना के बावजूद विभाग मौन है। गांव के रूपाराम शारद, पृथ्वी राम, श्योचंद,मगनाराम,गिरधारी,पप्पू पंच आदि ने अवैध जल संबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रेफ कैंप, निजी कॉलेज, पाईप फेक्ट्री, सड़क के मिक्सर प्लांट, प्राइवेट स्कूल, सरकारी स्कूल, अवैध जल भंडार के अलावा दर्जनों खेतों, ढाणियों में आधा इंची से डेढ़ इंची तक के अवैध सटके लगे हुए है। चक चार पी एच एम में चक जोड़ से पानी की अलग पाईप लाईन होने के बाद भी फूलेजी लाईन में से और कनेक्शन किया जा गया है। पेयजल के लिए बुरी से त्रस्त ग्रामीणों ने रोष जताया है कि खेतों में नहर, खाले के अलावा निजी ट्यूब वेल भी लगे हुए है लेकिन फिर भी लोगों ने विभाग की पोलमपोल का फायदा उठाकर फूलेजी की लाइन को जगह जगह से क्षति ग्रस्त कर गांव को प्यासा मरने पर मजबूर कर रखा है।
जिला कलेक्टर सहित जलदाय विभाग तथा क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों को व्यथा से अवगत करवाते हुए ग्रामीणों ने समाधान नहीं होने पर धरने देने की तैयारी कर ली है।

Join Whatsapp
खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |