
जर्जर मकानों की भरमार, प्रशासन नहीं चेता हो सकता है बड़ा हादसा






बीकानेर। अगर देखा जाये तो शहर में जर्जर मकानों की भरमार है जो कभी भी गिर सकते है और उनके गिरने से हो सकता है बड़ा हादसा लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण यह हादसे को न्योता देते नजर आ रहे है। कई मकान तो ऐसे है जिनको बने हुए काफी साल हो गये और उनकी मरम्मत आज तक नहीं हुई है उनके कारण वह बुरी तरह से जर्जन हो गये है। शहर के मोहता चौक, बारहगुवाड़ चौक, बड़ा बाजार, चायपट्टी, मोहता सराय, तेलीवाड़ा, रांगड़ी चौक सहित ऐसे कई इलाके जहां मकानों की स्थिति बड़ी दयनीय है। अभी हाल ही में नोखा रोड़ व उसके बाद शहर के लखोटियों चौक में मकान गिरा लेकिन गनमीत रही है उसमें कोई हादसा नही हुआ था लेकिन नोखा रोड़ पर हुए हादसे में तीन जनों की जान तक चली गई थी। मानसून का समय है सरकार को चाहिए कि ऐसे मकानों के मालिको को नोटिस जारी कर गिराने की कार्यवाही की जाये।
किराये के मकान है जर्जन
कई ऐसे मकान है जिसमें सालों से किरायदार रह रहे है लेकिन वह मकान की मरम्मत नहीं करवाते है और ना ही खाली करते है जिसके कारण मकान जर्जर हो रहे है। कुछ मकान मालिकों ने नगर निगम में अपने किराये मकान को जर्जर होने की शिकायत भी दर्ज करवा रखी है कि हमारा मकान किराये दार ने कब्जा कर रखा है और वह बुरी तरह से जर्जर हो गया है उसकी मरम्मत के लिए खाली करवा दो यह फिर प्रशासन के द्वारा उसको गिरवा दो अगर फिर भी ऐसा नहीं होता है तो उससे होने वाले हादसे के जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। लेकिन प्रशासन की उदासीनता ऐसी है कि आज तक उन शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि हादसे होने के बाद ही प्रशासन चेतता है। बड़ा बाजार क्षेत्र में चार दिन पहले ही जर्जन दुकान का छज्जा अचानक रात को गिर गया उससे पहले बारिश आई थी। यह तो गनीमत रही कि रात का समय था और कफ्र्यू है नहीं तो कोई भी व्यक्ति इसकी चपेट में आता। उसके बाद भी प्रशासन ने उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
प्रशासन करता है खानापूर्ति
प्रशासन जर्जन मकान मालिकों के घरों पर नोटिस चिपकाकर अपनी डियूटी पूरी कर लेते है वापस उस पर कोई कार्यवाही नही करता है।


