यात्रियों की जान से खिलवाड़, शहर में बिना परमिट, फिटनेस व बीमा के दौड़ रही बसें, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार?

यात्रियों की जान से खिलवाड़, शहर में बिना परमिट, फिटनेस व बीमा के दौड़ रही बसें, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार?

खुलासा न्यूज, बीकानेर। (कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट) बस ऑपरेटर यात्रियों की जान जोखिम में डालकर बिना परमिट, फिटनेस व कंडम बसों को दौड़ा रहे हैं। जिले की सड़कों पर दौड़ रही कई ऐसी बसे है जिनकी परमिट, फिटनेस और बीमा की समय अवधि निकल चुकी है। बसों के संचालन के लिए सरकार ने कई नियम बनाए है, लेकिन सभी नियमों को ताक पर रखकर बस संचालक बसों का संचालन किया जा रहा हंै। बसें अलग-अलग रूट पर बिना परमिट, फिटनेस और बीमा के दौड़ रही हैं। ऐसा भी नहीं कि यह सब पुलिस व परिवहन विभाग के जिम्मेदार अफसर स्थिति से अनजान है, बावजूद कोई भी कार्रवाई हेतु अभियान नहीं चलाया जा रहा। अफसरों की अनदेखी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है। हालांकि यह राहत की बात है कि अभी कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन विभाग को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हादसा कभी भी हो सकता है, जैसे मंगलवार को कोडमेदसर रोड पर हुआ, गनीमत रही कि समय रहते बस में सवार यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, अगर यह आग तेजी के साथ फैलती तो बड़ा हादसा हो जाता। बसों में फस्र्टएड बाक्स व आगजनी से निपटने के लिए अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य है। बसों में एंट्री और एग्जिट दोनों गेट होने चाहिए, लेकिन ज्यादातर बसों में सुरक्षा के जरूरी प्रबंध नहीं है। हादसा होने की दशा में मौके पर घायलों को प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता है। घटनास्थल से अस्पताल पहुंचने पर ही इलाज संभव होता है। बसों की परमीट, फिटनेस एवं बीमा की जांच के लिए परिवहन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। परिवहन और पुलिस द्वारा चेकिंग अभियान के नाम पर सिर्फ बाइक व निजी वाहनों की चेकिंग कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। वहीं बसों से कई बार हादसे भी होते है, लेकिन इन हादसों में सिर्फ एक्सीडेंट की रिपोर्ट डालकर बस संचालक व कंपनी को बचा दिया जाता है। जबकि इनके कागजों की बारीकी से जांच भी नहीं की जाती है। न ही परिवहन के नियमों के तहत यातायात द्वारा कार्रवाई होती है। जांच नहीं होने से जिले में अन्य यात्री बस संचालक भी नियम को रौंदते हुए मनमानी कर रहे हैं।

 

कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति

यातायात विभाग जिले में कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है। जिले में कोई विशेष बड़ी कार्रवाई या अभियान चलाकर कार्रवाई देखने को नहीं मिलती हैं। बीच-बीच में तीन सवारी, बिना रिफ्लेक्टर ग्लास, बिना लाइसेंस, कागजात नहीं रखने की कार्रवाई कर कोरम पूरी की जा रही है। लोगों से जुड़ी यात्री बसों को लेकर जांच यातायात व आरटीओ द्वारा नहीं की जा रही है। इससे जिले में कई कंडम यात्री बसें चल रही है। जिसमें एक्सीडेंट व आगजनी की घटना कभी भी हो सकती है। समय रहते विभाग को एक्टिव होकर इस पर कार्रवाई करने की जरूरत है।

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