
इस जिले में प्लास्टिक की बोतलें कर दी बंद, बना रहे फायबर






भीलवाड़ा. सिंगल यूज प्लास्टिक पर देश में हाल ही रोक लगाई गई है। खुद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल मानता है कि देश में सर्वाधिक प्लास्टिक कचरा बोतलों से आता है। इसका निस्तारण भीा आसानी से नहीं होता। ऐसे में भीलवाड़ा नजीर बन रहा है। यहां एक प्लांट में देशभर से पानी की खराब प्लास्टिक बोतलें जुटाकर फ ायबर बनाया जा रहा है। अन्य फ ायबर की तुलना में इसकी डिमांड ज्यादा है क्योंकि इसे टेक्निकल टेक्सटाइल में काम लिया जा रहा है।
प्रक्रियारू 300ए पर गलाकर बनाते हैं धागाए यह फायबर ज्यादा किफ ायती
यूनिट के टेक्नीकल हेड आयुष बांगड़ ने बताया कि बोतलों की धुलाईए मशीनों में कटिंग होती है। कचरा हटकर साफ माल निकालते हैं। उससे 10 से 12 एमएम के दाने बना 300ए तापमान पर गलाकर धागे में बदलते हैं। प्रोसेस कर फायबर बनाते हैं। यह सफेद होता हैए जिसे किसी भी रंग में बदल सकते हैं। 400.400 किलो के रोल में पैक कर धागा बनाने वाली यूनिट में भेज देते हैं।
150 करोड़ रुपए की लागत का है यह प्लांट
160 टन से ज्यादा प्लास्टिक बोतलों के वेस्ट से रोजाना 140 टन फायबर बन रहा यहां 20 देशों में निर्यात हो रहा है इस फायबर से बना कपड़ा 150 श्रमिक कार्य करते हैं इस प्लांट में फ ायदा रू यह फ ायबर 88 से 92 रुपए किलो है। अन्य फायबर 120 से 300 रुण् किलो है। इस फायबर से बने धागे से हर तरह का कपड़ा बना सकते हैं। पता भी नहीं लगता कि किस फ ायबर से बना है।


