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घर में पितरों की तस्वीर लगाते समय ध्यान रखें ये बातें वरना…

हिंदू धर्म के अनुसार पितृपक्ष में पितरों के श्राद्ध और तर्पण का विशेष महत्व होता है. ये वही समय होता है, जिसमें लोग अपने पितरों को याद करते हैं. पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं. पितृपक्ष 2 सितंबर से शुरू हो गए हैं, जो 17 सितंबर 2020 तक रहेंगे.

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग पितरों का तर्पण या श्राद्ध नहीं करते उन्हें पितृदोष का सामना करना पड़ता है. वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीरों को लगाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार पितरों की तस्वीरों को हमेशा घर के उत्तरी हिस्से के कमरों में लगाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जिस स्थान पर भी लगाएं वहां उत्तरी दीवार पर तस्वीर लगाएं, जिससे इनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रहे. दक्षिण की दिशा को यम और पितरों की दिशा कहा गया है. इससे अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है.

पितरों की तस्वीर लगाते समय ध्यान रखें ये बातें…

> पूर्वजों के चित्र ब्रह्म अर्थात मध्य स्थान में कभी नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि इससे मान-सम्मान की हानि होती है. पश्चिम या दक्षिण में लगाने से संपत्ति की हानि होती है.

> कभी भी परिवार के मृत व्यक्तियों का चित्र देवी और देवताओं के साथ न लगाएं या ना रखें.


> घर में किसी भी पूर्वज की एक से अधिक तस्वीर नहीं रखनी चाहिए.


> पूर्वजों की तस्वीर ऐसे स्थान पर भी ना लगाएं जहां आते-जाते इन पर नजर जाए.


> पूर्वजों की तस्वीर को बैठक, शयनकक्ष और रसोई घर में भी नहीं लगाना जाहिए.

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