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पायलट की गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी,3 मांगें रखीं; 15 दिन का दिया अल्टीमेटम, जनसभा में पहुंचे 15 विधायक

जयपुर। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा सोमवार को जयपुर में पूरी हो गई। यहां के भांकरोटा में हुई जनसभा में पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सरकार के सामने तीन मांगे रखीं और कहा कि इस महीने के आखिर तक यदि ये मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में हम आंदोलन करेंगे। अभी तक गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख रहे थे।
पायलट ने कहा- गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा। न्याय करवाएंगे। हम लोगों के पास कुछ नहीं है। हम तो पैर में जूता डालकर निकल पड़े थे। गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो। लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं। राजस्थान का बेटा हूं।
पायलट बोले- मैं दबने वाला नहीं हूं
पायलट ने कहा, मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं। राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा। डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं। आपके लिए लड़ा हूं और लडक़र रहूंगा।’ कहा कि कुछ लोग इस सभा को बिगाडऩे का प्रयास कर सकते हैं। सभा में आए लोगों, समर्थकों ने भी पूछा, क्या आपको यहां आने के लिए रोका नहीं गया?
उन्होंने कहा, 2013 में हमारे सिर्फ 21 विधायक रह गए थे। सोनिया गांधी ने बुलाकर कहा कि राजस्थान में पार्टी का बहुत बुरा हाल हो गया है, आप जाकर अध्यक्ष बनिए। हमने इन पांच सालों में वसुंधरा सरकार का नीतियों के आधार पर कड़ा विरोध किया। वसुंधरा शासन में खुली लूट मची थी। गहलोत सरकार ने भी वसुंधरा पर बढ़-चढक़र आरोप लगाए थे। उन्होंने इशारों में कहा कि हाईकमान सीएम किसको बनाए, यह हमारे हाथ में नहीं है।
सचिन ने कहा कि मुख्यमंत्री गृह मंत्री, वित्त मंत्री भी हैं, मैंने कई बार कहा कि हमने जो कहा है, उसकी जांच करवाइए। वसुंधरा सरकार की जांच के लिए अनशन रखा। मुझे लगा कि हमें जनता के बीच जाना चाहिए। भ्रष्टाचार समाज को दीमक की तरह खा रहा है। हम लोगों को करारा प्रहार करना पड़ेगा। हमें दुनिया को दिखाना पड़ेगा कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं।
किसके कहने पर कटारा को क्रक्कस्ष्ट सदस्य बनाया?
जो बच्चे साल-दो साल मेहनत करते हैं, लाखों रुपए खर्च करते हैं, किराए के मकान में रहते हैं और फिर पेपर लीक हो जाता है। इसकी जड़ तक जाना होगा। कानून यदि अपना काम कर रहा है तो भेदभाव नहीं होना चाहिए। मछली, छोटी हो या बड़ी, पकडऩा ही पड़ेगा।
कटारा को आपने अरेस्ट कर लिया। कटारा किसके कहने पर आरपीएससी के सदस्य बने, यह पता करना पड़ेगा? इस यात्रा का उद्देश्य भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच कराना था। पेपर लीक पर कार्रवाई करवाना यात्रा का उद्देश्य था।
नौजवान मायूस हुआ तो अच्छा नहीं होगा
पायलट ने कहा कि यह कहां की नीति है कि अपनी पार्टी के नेता को बदनाम करो, भाजपा के नेताओं का गुणगान करो। यह चलने वाला नहीं है। जो कुर्सी पर बैठता है, उसे न्याय करना पड़ेगा। पक्षपात करने का अधिकार नहीं है। दूध का दूध, पानी का पानी नहीं होगा तो विरोधी पूछेंगे कि कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं है। दूध और नींबू बहुत चल रहा है आजकल।
किसी को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। नौजवान के मन में यदि मायूसी आ गई तो देश का भविष्य बेहतर नहीं होगा। यह यात्रा युवाओं के दिल में आग जलाने के लिए निकाली है।
मैं भी 20 साल से राजनीति कर रहा हूं। बड़े-बड़े पद मिले। जनता और पार्टी मेरे काम करने के तरीके के बारे में जानती है। कोई विरोधी भी अंगुली नहीं उठा सकता। प्यार से मांगोगे तो हाथ काट कर देंगे, धमकाकर लोगे तो छोड़ेंगे नहीं। युवाओं के पैरों के छालों की कसम, मैं अब पीछे हटने वाला नहीं हूं। जो भी कुर्बानी देनी होगी, मैं देने को तैयार हूं।
कोई दूध और नींबू की सफाई दे रहा है। कोई कह रहा है कि दस बार बात हुई, नहीं हुई। मैंने तो कहा ही नहीं कि मिलीभगत है। सिर्फ यह कह रहा हूं कि जो कहा है, वो कर दो।
मंत्री गुढ़ा बोले- हमारी सरकार का एलाइनमेंट खराब हो चुका
इससे पहले अपने संबोधन में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सीएम गहलोत और अपनी ही सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा,’हमारी सरकार का एलाइनमेंट खराब हो चुका है। भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बिना पैसे कोई फाइल नहीं खिसकती है।’
पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा आज जयपुर में समाप्त हो गई। अजमेर रोड पर भांकरोटा में जन सभा हुई। इसमें उनके समर्थक विधायक-मंत्री भी पहुंचे।
पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा आज जयपुर में समाप्त हो गई। अजमेर रोड पर भांकरोटा में जन सभा हुई। इसमें उनके समर्थक विधायक-मंत्री भी पहुंचे।
धारीवाल पर गुढ़ा का बड़ा हमला
सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बोले- हमारी राजस्थान सरकार का एलाइनमेंट खराब हो गया है। कोई भी फाइल पैसे के बिना आगे नहीं खिसकती। गुढ़ा ने धारीवाल पर बड़ा तंज किया। कहा- भरतसिंह चि_ी पर चि_ी लिख रहे हैं। भरतसिंह तीन साल से विधानसभा नहीं आ रहे हैं। भ्रष्टाचार तो धारीवाल और भाया कर रहे हैं।
धारीवाल जी राजस्थान की प्यासी जनता को पानी पिलाओ। आपके ऑफिस से कोई पैसे बिना भ्ष्र्टाचार के नहीं निकलती। हमारे मुख्यमंत्री जी ने पूछा शिक्षकों से ट्रांसफर पैसे से होते है तो शिक्षक बोले नहीं। भरत सिंह जी 3 साल से विधानसभा नहीं आ रहे हैं। वे चि_ी पर चि_ी लिखकर कह रहे, धारीवाल और भाया ने खूब खाया।’
वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की मिलीजुली सरकार
गुढ़ा ने भी दोहराया कि वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की सरकार मिलीजुली है। कहा, ‘मेरे पास सबूत है हेलिकॉप्टर खाली क्यों लौटाया? सरकार में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड दिए हैं। पायलट हमारे नेता हैं, जो फैसला आप करेंगे, हम मानेंगे। 2023 का फैसला जनता तय करेगी।
राजस्थान की सरकार कर्नाटक के 40 परसेंट के कमीशन से भी ऊपर जा रही है, करप्शन की सारी हदें पार कर दी हैं। मुख्यमंत्री जी को और पूर्व मुख्यमंत्री जी को कोरोना भी एक साथ होता है। भाजपा के हेलिकॉप्टर कैसे खाली गए। भाजपा विधायकों को कैसे खरीदा गया, मेरे पास सबूत है इसके मुख्यमंत्री जी। किसे क्या-क्या दिए, इसके भी सबूत हैं। हेमाराम जी जैसे पाक साफ लोगों पर आरोप लगाते हो।
मंत्री हेमाराम बोले- सीएम के आरोपों से आहत हूं, सीएम पर निशाना
सचिन पायलट की यात्रा में शामिल हुए मंत्री हेमाराम चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत के आरोपों पर पलटवार किया है। मंत्री चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री ने जिस तरह के आरोप लगाए हैं, उससे आहत हूं। अगर मुख्यमंत्री पैसे लेने का आरोपी मानते हैं तो मंत्रिमंडल से बाहर कर दें। मुझे मंत्री क्यों बना रखा है? इस यात्रा में नहीं आता तो कहां जाता। हमें बुलाया नहीं था, लेकिन जनता का मूड देख हम आए हैं, हम जनता से दूर कैसे रह सकते हैं। जनसभा में अपने भाषण में मंत्री हेमाराम ने गहलोत को फिर घेरा।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के कई नेताओं ने इस रैली में बाधा पहुंचाई। हमारे पर 10 20 ,50 और 100 करोड़ लेने के आरोप लगाए। फिर हम जैसे लोगों को मंत्री बनाकर क्यों बैठे हो। आप अपनी ही सरकार को आरोपों में ले रहे हो। सीएम के पास जो चला जाए] वह साहूकार और जो नहीं जाए, वह बेईमान हो जाता है। भाषण के दौरान हेमाराम चौधरी ने एक कहानी सुनाई। कहा कि एक बार गुंडों की गैंग का बादशाह, देश का बादशाह बन गया। उसने देश का बादशाह बनते ही सबसे पहले सारे गुंडों को जेल भिजवाया। ऐसे ही आप भी राजस्थान के बादशाह हैं, अपने भ्रष्ट साथियों को भिजवाएं।
पूर्व स्पीकर शेखावत बोले, कई मंत्रियों पर करप्शन के आरोप
जनसभा में संबोधित करते हुए पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कैलाश मेघवाल ने राजे सरकार पर पांच हजार करोड़ के करप्शन के आरोप लगाए थे। हमारी सरकार के मंत्रियों पर भी करप्शन के आरोप हैं, सबकी जांच होनी चाहिए। पायलट जब बीजेपी के करप्शन के खिलाफ आवाज उठाते हैं , नौजवान की आवाज उठाते हैं तो कई लोग कहते हैं कि बीजेपी से मिले हुए हैं।
शेखावत ने यह शेर हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वे कत्ल भी कर दें तो चर्चा नहीं होती’ पढक़र तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘भगवान रामचंद्र ने जब लड़ाई लड़ी तो कोई राजा साथ नहीं था, बंदर की फौज उनके साथ थी।
पायलट को सीएम कब बनाओगे, कार्यकर्ता की परीक्षा कब तक लोगे
चाकसू से विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा, ‘मुझे रंधावा ने बुलाया और सर्वे दिखाकर कहा कि चाकसू में तो भाजपा बोल रही है। मैंने उनसे कहा कि मेरे यहां बीजेपी बोल रही है, लेकिन जरा ये तो बताओ कि कांग्रेस कहां बोल रही है? नागौर की लाडनूं सीट से विधायक मुकेश भाकर ने कहा, ‘गहलोत चाहते हैं कि पायलट पार्टी छोडक़र चले जाएं। हम कहीं नहीं जाएंगे। यहीं रहकर इनकी छाती पर मूंग दलेंगे।
इससे पहले पायलट ने 11 मई को अजमेर में क्रक्कस्ष्ट के पास से जनसंघर्ष यात्रा शुरू की थी। पांच दिन में 125 किलोमीटर की दूरी तय करके यात्रा जयपुर पहुंची है। इस यात्रा ने पेपरलीक और बीजेपी राज में करप्शन के मुद‌दे को फिर हवा दे दी है। पायलट की यात्रा में उठाए गए बीजेपी राज के करप्शन को लेकर अब आगे भी सियासी विवाद होना तय माना जा रहा है।
इससे पहले सोमवार सुबह करीब 11 बजे जनसंघर्ष यात्रा महापुरा मोड़ से शुरू होकर अजमेर रोड पर एक फेज में ही पूरी हो गई। अब यहां पायलट की जनसभा हो रही है। माना जा रहा है कि इस सभा में पायलट अगले सियासी कदम की घोषणा कर सकते हैं। सभा में अब तक 13 विधायक पहुंच चुके हैं। पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह पायलट की सभा में पहुंचे हैं, इनका आना सियासी रूप से काफी अहम माना जा रहा है।
दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने के भी प्रयास
फिलहाल सरकार के किसी जिम्मेदार नेता ने पायलट से बात नहीं की है। कुछ न्यूट्रल नेता चाहते हैं कि चुनावी साल में गहलोत और पायलट के मतभेद खत्म करवाकर दोनों को एक साथ कैंपेन के लिए मैदान में उतारा जाए। पायलट के अनशन के बाद उनसे बातचीत कर मनाने के लिए एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को जिम्मा दिया था। कमलनाथ ने पायलट से बात की थी। हालांकि सुलह नहीं हो सकी। एक बार फिर कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अब सुलह की कोशिश का रास्ता तलाशने के लिए लगे हुए हैं।

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