पायलट का समझौते से इनकार, अल्टीमेटम बरकरार, बोले- मैं सरकार का इंतजार कर रहा हूं, तीनों मुद्दों पर कार्रवाई करनी होगी - Khulasa Online पायलट का समझौते से इनकार, अल्टीमेटम बरकरार, बोले- मैं सरकार का इंतजार कर रहा हूं, तीनों मुद्दों पर कार्रवाई करनी होगी - Khulasa Online

पायलट का समझौते से इनकार, अल्टीमेटम बरकरार, बोले- मैं सरकार का इंतजार कर रहा हूं, तीनों मुद्दों पर कार्रवाई करनी होगी

खुलासा न्यूज। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खडग़े के घर पर सुलह बैठक के दो दिन बाद अब सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि 15 मई को रखी गई तीन मांगों पर कोई समझौता नहीं होगा। पायलट ने सरकार को फिर अल्टीमेटम याद दिलाया है। बुधवार को टोंक के ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे के दौरान पायलट ने कहा कि युवाओं से सार्वजनिक मंच पर किए गए कमिटमेंट हवाई बातें नहीं हैं। तीनों मांगों पर कोई समझौता नहीं होगा। पायलट ने कहा कि तीन दिन पहले मैंने इन बातों को दिल्ली में रखा था। सब इस बातों को जानते हैं। मैं कहना चाहता हूं, मैंने जो मुद्दे उठाए थे, खासकर करप्शन के उस पर कार्रवाई हो। भाजपा के शासन में नौजवानों को इंसाफ दिलाने की बात थी। उस पर समझौता करना संभव नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं, मैंने 15 मई को जो कहा था कि सरकार इस पर जल्द कार्रवाई करें। यह सब जानते हैं। मैं इंतजार कर रहा हूं। परसों बात की थी। इन मुद्दों पर कार्रवाई करने का दायित्व, राज्य सरकार का है।

 

पायलट ने कहा कि मेरे नौजवान साथियों से सार्वजनिक रूप से जो आश्वासन दिया, जो कमिटमेंट किए हैं। मेरे कमिटमेंट हवाई बातें नहीं है। यह ऐसी बातें नहीं है। इसमें कोई गलती बता दे। कांग्रेस पार्टी हमेशा करप्शन के खिलाफ रही है। नौजवान के पक्ष में रही है। नौजवानों को न्याय दिलाना और भाजपा सरकार में जो करप्शन हुआ है, उसकी जांच करवाना अनिवार्य है। उस पर कोई समझौता नहीं होगा। पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व, राहुल गांधी इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस रहा है। हम किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं कर सकते। कांग्रेस ही वह पार्टी है, जिसने हमेशा नौजवानों को प्रोत्साहित किया है। राजनीति में आगे आने का मौका दिया है। नौजवानों के साथ अगर कहीं गलत होता है, उनके साथ नाइंसाफी होती है तो मैं समझता हूं। पार्टी इसके खिलाफ रही है। भ्रष्टाचार और नौजवानों के भविष्य इन दो मुद्दों पर किसी प्रकार का कोई समझौता करे या मैं समझौता करूं यह संभव नहीं है।

 

15 मई को सभा में रखे गए मुद्दों पर प्रभावी कार्रवाई हो

 

पायलट ने कहा कि अभी दो दिन पहले मेरी बात दिल्ली में हुई थी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, अध्यक्ष से जो मैंने मांगें रखी थी, उसका पूरा संज्ञान पार्टी को भी है। दिल्ली में परसों मैंने बात की है। मैंने 15 तारीख को एक सभा को संबोधित किया था। भाजपा के शासन में वसुंधरा राजे के कार्यकाल में जो-जो करप्शन के मामले उठे थे, वे खुद अशोक गहलोत ने और मैंने उठाए थे। तमाम कांग्रेस नेताओं ने कई बार इन बातों को पब्लिक डोमेन में रखा था। उन पर प्रभावी जांच होनी चाहिए।

आरपीएएसी के कामकाज, नियुक्तियों में आमूलचूल बदलाव लाना होगा

 

पायलट ने कहा कि जहां तक आरपीएससी है, वहां पर काफी पद खाली पड़े हैं। कुछ नियुक्तियां ऐसी हैं, जो बेहतर हो सकती हैं। इसलिए उसका आमूलचूल परिवर्तन लाना जरूरी है। आरपीएससी के कामकाज में आमूलचूल बदलाव लाने की जरूरत है। हमारे लाखों बच्चे हैं, बड़ी मुश्किल से शहरों में जाकर मकान किराए कमरे पर लेकर पढ़ाई करते हैं। पैसे खर्च करते हैं, साल दर साल मेहनत करते हैं ,उनके साथ धोखा हो जाता है तो उन लोगों के आर्थिक रूप से मदद करें यह मुद्दा उठाया था। मैं समझता हूं इस मुद्दे पर सरकार कार्रवाई करेगी।

 

बीजेपी पर साधा निशाना

 

पायलट ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में प्रधानमंत्री बार-बार आ रहे हैं। उनके आने से यह साफ दिख रहा है कि राजस्थान भाजपा का नेतृत्व विपक्ष की भूमिका निभाने में सक्षम नहीं है। पिछले साढे 4 साल में सदन के अंदर और बाहर भाजपा ने यह कहीं प्रमाण नहीं दिया कि वह मजबूर विपक्ष है। बीजेपी के पास विधायकों की संख्या ठीक-ठाक है, फिर भी विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई। विपक्ष से जनता उम्मीद करती है। एक प्रभावशाली विपक्ष लोकतंत्र की बहुत बड़ी जरूरत है, उसमें बीजेपी पूरी तरह फेल हुई है। बीजेपी में आपस में इतनी खींचतान है, इससे जनता भी भाजपा से निराश है। प्रधानमंत्री बार-बार यहां आ रहे हैं, लेकिन जनता इस बार उनसे प्रभावित होने वाली नहीं है।

 

सुलह के दावे दो दिन बाद ही ध्वस्त, पायलट ने आंदोलन का रास्ता खुला रखा

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच हाईकमान की मौजूदगी में सुलह बैठक के दावे दो दिन में ही ध्वस्त हो गए हैं। पायलट ने साफ कर दिया है कि वे तीन मांगों से समझौता नहीं करेंगे। तीनों मुद्दों पर गहलोत सरकार को कार्रवाई करनी है, लेकिन मुख्यमंत्री इन्हें नहीं मानने के साफ संकेत दे चुके हैं।

गहलोत ने पिछले गुरुवार को ही कहा था कि पेपरलीक पर मुआवजे की मांग बुद्धि का दिवालियापन है। सचिन पायलट ने आज फिर से तीनों मांगों को दोहराकर साफ कर दिया है कि वे अल्टीमेटम से पीछे नहीं हटेंगे। अब हाईकमान ने दखल नहीं दिया तो पायलट के पास आंदोलन के अलावा विकल्प नहीं बचेगा।

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