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कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को बचाएगा PICU-NICU, जानिए क्या है पूरा माजरा

जयपुर: कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक होने की आशंका जताई जा रही है. इसी को देखते हुए देशभर में तमाम तैयारियां शुरू कर दी हैं. देश के कई राज्यों में इससे निपटने के लिए पीकू-नीकू वार्ड (PICU-NICU Ward) तैयार किए जा रहे हैं, जिससे कोरोना की चपेट में आने वाले बच्चों का इलाज सरलता से हो सकें. इसके लिए देशभर के कई राज्यों में वार्ड बनना शुरू हो गए हैं. चलिए जानते हैं आखिर क्या हैं पीकू-नीकू वार्ड (PICU-NICU Ward).

जानिए क्या हैं पीकू-नीकू:
आपको बता दें कि पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (Pediatric Intensive Care Unit) और नियो नेटल इंटेसिव केयर यूनिट (Neonatal Intensive Care Unit) वार्ड होंगे. आवश्यकता पड़ने पर पीकू वार्ड में 15-16 वर्ष तक के बच्चों को एडमिट किया जाएगा. वहीं नीकू वार्ड में नवजात बच्चों को रखा जाएगा. जहां पर इनका इलाज हो सकेगा.

पीकू-नीकू वार्ड में होगा बच्चों का इलाज
पीकू-नीकू वार्ड (PICU-NICU Ward) बच्चों के इलाज के लिए तैयार किए जा रहे हैं. देश के कई राज्यों के अस्पतालों में पीकू यानी पीडियाट्रिक आईसीयू  बेड मौजूद रहेेंगे. इन सभी बेडों पर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा होगी. इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाएं और जीवन रक्षक उपकरण इन पीकू और नीकू वार्ड (PICU-NICU Ward) में मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही अस्पताल में ब्लड बैंक की भी व्यवस्था होगी.

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