
पुलिस के लिए सरदर्द बन रहे है पालतू कबूतर






महाजन ।कस्बे में स्थित पुलिस थाने कई दिनों से बंद संदिग्ध कबूतर की शुक्रवार को रिहाई हो गई। संदिग्ध कबूतर अधिकतर कबूतर पालतू होते है ,पुलिस जिन्हें सन्दिग्ध समझकर थाने में ले आती है। लेकिन बहुत समय तक सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ध्यान नही देने से कबूतर पुलिस के लिए कबूतर सरदर्द बन जाते है। थानाधिकारी अनिल झाझड़िया ने बताया कि शुक्रवार को करीब पंद्रह दिनों से थाने में बंद कबूतर को मेडिकल चेकअप करवाकर बीकानेर जन्तुआलय के सुपर्द कर दिया है। जानकारी के अनुसार महाजन थाने में एक कबूतर पिछले कई दिनों से पुलिसकर्मियों से मेहमान नवाजी करवा रहा है।
दरअसल अधिकतर कबूतर पालतू होते है। जिन्हें मालिक द्वारा पैरों में निशान या नम्बर लगाकर छोड़ देते है। लेकिन संदिग्ध कबूतर की सूचना पर पुलिस थाने में ले आते है ।सुरक्षा एजेंसियां सहित अधिकारियों को मामले से अवगत भी करवा देते है ।लेकिन बहुत समय बाद भी सन्दिग्ध या पालतू कबूतर की कोई सुध नही लेता है । जिसके कारण पुलिस के लिए खाने-पीने व उनका स्वास्थ्य का ध्यान रखना सरदर्द बन जाते है। गौरतलब है कि 19 फरवरी को जैतपुर की रोही में अनिल कुमार ओझा के खेत मे मिले एक संदिग्ध कबूतर को पुलिस थाने तो ले आई । सूचना सुरक्षा एजेंसिय महाजन पहुंच गई। लेकिन कई दिन,महीनों व वर्ष बीतने के बाद भी मामले की परवाह नही करते । जिसके कारण सन्दिग्ध व पालतू कबूतर पुलिस के लिए सरदर्द बन जाते है।
2022 माह में पकड़े कबूतर की छह माह बाद हुई रिहाई
जानकारी के अनुसार महाजन थाना क्षेत्र के 7BHM तेजाना में सुग्रीव खीचड़ के खेत मे एक संदिग्ध कबूतर मिला । जो महाजन थाने में करीब घह माह बाद बीकानेर भेजा गया। जिससे पुलिसकर्मियों को उसकी सेवा चाकरी करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वही छत्तरगढ़ थाने बंद कबूतर की करीब डेढ़ साल बाद रिहाई हुई। ऐसे मामलों में पुलिस को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
इनका कहना है-:
महाजन थाना क्षेत्र में मिले कबूतर एक सामान्य कबूतर था। इसके पैरों में कोई वस्तु नही लगी हुई थी । आज कबूतर को आदेशनुसार बीकानेर भेज दिया है।
अनिल कुमार झाझड़िया
सीआई थाना महाजन


