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बधाई के लिये आपस में भिड़ी कार्मिक

बीकानेर। एक समय था जब प्रदेश में पीबीएम अस्पताल का नाम बड़े अदब और बेहतर कामकाज व स्वास्थ्य सेवाओं के लिये लिया जाता था। किन्तु पिछले कुछ सालों से पीबीएम हमेशा ही किसी न कि सी विवाद का हिस्सा रहा है। हालात ये है कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन के लाख जतन के बाद भी अस्पताल की बदतर स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जिसके कारण पीबीएम जैसी अस्पताल हमेशा समाचार पत्रों की सुर्खियों में रहने लगा है। मंगलवार को जहां एक स्वयंसेवी संस्था ने पीबीएम में व्याप्त अव्यवस्थाओं के लिये हल्ला बोल कार्यक्रम रख विरोध जताया। तो दूसरी ओर जनाना अस्पताल में बच्चे के जन्म पर मांगी जाने वाली बधाई को लेकर यहां संविदा और निविदा पर लगी कार्मिक आपस में भिड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंगलवार को लेबर रूम में एक डिलवरी हुई,जिसमें प्रसूता ने एक लड़के को जन्म दिया। जिसके बाद परिजनों से बधाई की रकम वसूल करने के लिये यहां मौजूद ज्योति पूनियां,मनजीता,रमीला,अनिता व विजेन्द्री आपस में उलझ गई। हालात ये रहे कि हाथापाई तक की नौबत आ गई। मामला बिगड़ता देख मौके पर मौजूद सुरक्षा गार्ड ने महिला गार्डों को बुलाकर इन्हें आपस मेें छुड़वाया। यहां उपस्थित लोगों का कहना है कि हाथापाई इस हद तक हुई कि वहां पर बैठी अन्य प्रसूताएं भी चोटिल हो सकती थी। अचानक हुए इस घटनाक्रम से एक बारगी अफरा तफरी का माहौल हो गया। वहीं दिनभर यह बात अस्पताल में चर्चा का विषय बनी रही।
आये दिन होती है इस तरह की हरकतें
मजे की बात तो ये है कि आये दिन बधाई के नाम पर रूपये मांगने की घटनाएं होती रहती है। इस स ंदर्भ में अनेक बार अधीक्षक तक शिकायतें पहुंच चुकी है और इन कार्मिकों को चेतावनी भी दी जा चुकी है। फिर भी इन पर कोई असर नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है। जबकि इन महिला कर्मियों की लगातार शिकायतें इंजार्च व आलाधिकारियों को पहुंच चुकी है। फिर भी इन्हें नहीं हटाया जाना आश्चर्य की बात है।
बे असर है मंत्रियों का प्रभाव
दुर्भाग्य की बात ये है कि यहां केन्द्रीय मंत्री सहित दो स्थानीय मंत्री और प्रभारी मंत्री तक अनेक बार पीबीएम की शिकायतों को लेकर अधीक्षक को हिदायतें दे चुके है। लेकिन इन मंत्रियों का प्रभाव भी दिखाई नहीं दे रहा है। मंजर ये है कि जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम की चेतावनी भी असर नहीं क र रही है। ऐसे में आए दिन अस्पताल में कोई न कोई विवाद से पीबीएम की छवि खराब हो रही है। जब खुलासा टीम ने इस बारे में आमजन की राय जानी तो उनका कहना था कि यहां के राजनेता पावर में होने के बाद भी पावरलेस है। जो अस्पताल के चिकित्सकों व यहां के कार्मिकों के विरूद्व क ार्यवाही करने से कतराते है।

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