इंजेक्शन के लिए भटकते रहे लोग,स्टॉकिस्ट ने जयपुर,जोधपुर और कोलकाता तक बेच दिए,कई डॉक्टर-अस्पताल जांच के घेरे में - Khulasa Online इंजेक्शन के लिए भटकते रहे लोग,स्टॉकिस्ट ने जयपुर,जोधपुर और कोलकाता तक बेच दिए,कई डॉक्टर-अस्पताल जांच के घेरे में - Khulasa Online

इंजेक्शन के लिए भटकते रहे लोग,स्टॉकिस्ट ने जयपुर,जोधपुर और कोलकाता तक बेच दिए,कई डॉक्टर-अस्पताल जांच के घेरे में

खुलासा न्यूज,बीकानेर। बीकानेर में लोग कोरोना से मरते गए और दवा विक्रेता शहर के कोटे में मिले रेमडेसिवीर इंजेक्शन श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुनूं, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भिवानी व कोलकाता तक बेचते रहे। न सिर्फ स्टॉकिस्ट बल्कि प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टर्स भी इस कालाबाजारी का हिस्सा बनते गए, जिन प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए अधिकृत किया गया है, उनके नाम से बिल मिले तो शहर के जिन प्राइवेट अस्पताल को कोरोना इलाज की स्वीकृति नहीं है, वहां भी जमकर रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाए गए। गौरतलब है कि एसओजी ने दो दिन पहले जिले में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी का खुलासा किया था।मजे की बात तो यह है कि स्टॉकिस्टर जिनको इंजेक्शन बेचना बता रहे हैं, वो प्रथम दृष्ट्या मना कर रहे हैं। अब इस मामले में न सिर्फ स्टॉकिस्ट बल्कि प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे डॉक्टर्स, कोरोना के लिए डेडिकेटेड प्राइवेट अस्पताल के संचालक, अन्य प्राइवेट अस्पताल के संचालक भी जांच के घेरे में है। इतना ही नहीं बीकानेर से बाहर जिन लोगों ने इंजेक्शन कालाबाजारी के तहत खरीदे हैं, उनके खिलाफ भी जांच हो रही है। स्ह्रत्र की प्राथमिक रिपोर्ट के बाद अजमेर चौकी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिव्या मित्तल ने इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
मित्तल ने बताया कि जांच के घेरे में वो सब है,जिन्होंने रेमडेसिवीर इंजेक्शन नियमों के विपरीत जाकर खरीदे,बेचे और जिन डॉक्टर्स ने यह इंजेक्शन लगवाए। बीकानेर के जिन कोरोना डेडिकेटेड अस्पतालों को स्टॉकिस्ट से इंजेक्शन मिले,उनके संचालकों के नाम से अलग से बिल मिले है। जीवन रक्षा अस्पताल कोरोना के लिए डेडिकेटेड है,उन्हें सीधे ही इंजेक्शन मिल सकते थे लेकिन डॉ. विकास पारीक के नाम से अलग से इंजेक्शन की खरीद बताई गई है। डॉ. धनपत डागा के नाम से भी अलग से इंजेक्शन की खरीद बताई गई है। इन्होंने खरीदे हैं या इनके नाम से सिर्फ बिल भरे गए हैं, यह अभी जांच का विषय है। इनके अलावा उन प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी इंजेक्शन दिए गए हैं, जहां कोरोना को इलाज नहीं हो सकता। इनमें मारवाड़ अस्पताल, श्रीराम अस्पताल, पीटी कृष्णा अस्पताल में भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन की सप्लाई बताई गई है। वहीं, डॉ. अशोक गुप्ता, डॉ. जे.के. पुरोहित, डा. अजय गुप्ता, डॉ. एमजी चौधरी, डॉ. श्रेया जैन, डॉ. अमित, डॉ. गोपाल, डॉ. विजय शांति बा ंठिया और डॉ. दयाल शर्मा का नाम भी स्ह्रत्र की रिपोर्ट में दर्ज है। अब इन सभी से पूछताछ हो सकती है।
बीकानेर से बाहर यहां भेजे इंजेक्शन
स्ह्रत्र रिपोर्ट के मुताबिक स्टॉकिस्ट ने बीकानेर से बाहर श्रीराम मेडिकल स्टोर जोधपुर, बालाजी ड्रग हाउस उदयपुर को बिना निर्धारित मांग पत्र के इंजेक्शन उपलब्ध कराये। इसके अलावा रूष्टष्ठरू॥ हॉस्पिटल जयपुर, महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल जयपुर के नाम भी बिल मिले हैं। हालांकि स्ह्रत्र को इन अस्पतालों ने इंजेक्शन लेने से मना किया है। वहीं, आर.आर. हास्पिटल झुंझुनूं को चार इंजेक्शन भेजना बताया गया है, जबकि इस अस्पताल ने सिर्फ दो इंजेक्शन मिलना बताया है। स्टॉकिस्ट जिंदल मेडिकोज ने यहां चार इंजेक्शन भेजना बताया है। बीकानेर के वरदान अस्पताल को मित्तल फार्मा ने पंद्रह इंजेक्शन भेजना बताया है, लेकिन अस्पताल ने साफ इनकार कर दिया। एमएन अस्पताल को भी सात इंजेक्शन देना बताया गया है, जबकि यहां के प्रशासन ने भी ऐसी किसी खरीद से इनकार कर दिया। आरोप है कि स्टॉकि स्ट ने बार बार फर्जी बिल काटकर इंजेक्शन बेचे हैं क्योंकि संबंधित अस्पताल मना कर रहे हैं।

आर्मी के नाम पर धोखाधड़ी ?
एसओजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्सी रेमडेसिवीर इंजेक्शन आर्मी अस्पताल को देने का आर्डर सन फार्मा कंपनी को दिया गया था। 19 अप्रैल को कंपनी ने उक्त सप्लाई स्टॉकिस्ट को भेज दी थी। इसके बाद भी आर्मी अस्पताल को ये नहीं मिले।एसओजी ने इस मामले में अलग से जांच की आवश्यकता जताई है।

इंजेक्शन पर भी एसओजी की आपत्ति

स्ह्रत्र ने कुछ अस्पतालों को निर्धारित मापदंडों से कम जरूरत होने के बाद इंजेक्शन लगाने पर आपत्ति जताई है। इसमें श्रीराम हॉस्पिटल में शोभाराम को निमोनिया होने पर छह इंजेक्शन लगाये गए, पंडित क ृष्णा हॉस्पिटल में सामान्य मरीजों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाये गए। स्वयं एसओजी ने माना है कि इन मामलों में विशेषज्ञ चिकित्सकों से राय लेकर जांच करनी होगी। उधर,कोठारी अस्पताल कोलकाता को भेजे गए इंजेक्शन की जांच की आवश्यकता जताई है।

इन स्टॉकिस्ट पर है एसओजी की नजर
रेमडेसिवीर इंजेक्शन के छह अधिकृत स्टॉकिस्ट मित्तल ड्रग एजेंसी, मित्तल फार्मा, जिंदल मेडिकोज, राजेन्द्र मेडिकोज, तंवर मेडिकोज, मित्तल फार्मा, गौरव एजेंसी।

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