
राजस्थान के इस जिले के लोग अमिताभ बच्चन को भगवान मानते है, उनके आने से सूखा खत्म हो जाता है





राजस्थान के इस जिले के लोग अमिताभ बच्चन को भगवान मानते है, उनके आने से सूखा खत्म हो जाता है
जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में लोग अमिताभ बच्चन को भगवान मानते हैं क्योंकि उनके दौरे के दौरान हुई मूसलाधार बारिश ने वहां पड़े सूखे को खत्म कर दिया था। अपूर्व लाखिया ने खुलासा किया कि उस घटना के बाद हजारों लोग उनके पैर छूने के लिए लाइन में खड़े हो गए।
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के लाखों लोग दीवाने हैं। उनकी एक झलक पाने के लिए बेकरार रहते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि राजस्थान के जैसलमेर में तो लोग इन्हें अपना भगवान मानते हैं। आज हम आपको यही किस्सा बताने जा रहे हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है। डायरेक्टर अपूर्व लाखिया ने खुलासा किया है। बताया है कि बिग बी के आने से उस शहर में सूखा खत्म हो गया था। जिसके बाद से लोगों ने उनके पांव छूने के लिए लाइन लगा ली थी।
फ्राइडे टॉकीज के पॉडकास्ट में अपूर्व ने बताया कि ऐसा तब हुआ था, जब वह अभिषेक बच्चन के साथ 2002-03 में फिल्म ‘मुंबई से आया मेरा दोस्त की शूटिंग कर रहे थे और बिग बी अपने परिवार के साथ जैसलमेर में सेट पर आए थे। हम जैसलमेर में मुंबई से आया मेरा दोस्त की शूटिंग कर रहे थे और उस समय वहां सूखा पड़ा हुआ था। अमिताभ बच्चन नए साल के लिए वहां आ रहे थे। उनके साथ जया जी, श्वेता, अमर सिंह थे और हम रेगिस्तान में कहीं शूटिंग कर रहे थे। आप दूर से ही बता सकते थे कि उनकी गाडिय़ों का काफिला आ रहा है क्योंकि जैसलमेर में किसी ने एक साथ इतनी सारी लग्जरी कारें नहीं देखी थीं।अमिताभ बच्चन के पहुंचते ही होने लगी बारिश
अपूर्व ने बताया कि जैसे ही बच्चन की फ्लीट सेट के पास पहुंची, आसमान में काले बादल छाने लगे, बिल्कुल ‘लगान’ के सीन की तरह। जैसे ही वह कार से उतरे और अभिषेक को गले लगाया, मूसलाधार बारिश होने लगी। ‘आप यकीन नहीं करेंगे, मैं अपनी मां की कसम खाता हूं, वह सेट पर आए और बादल छाने लगे। एकदम लगान के काले मेघा वाले सीन की तरह। वह कार से उतरे, अभिषेक को गले लगाया और ओले पडऩे लगे।
अमिताभ बच्चन के पैर छूने आए 40-50 हजार लोग
अपूर्व ने बताया, इतनी बारिश होने लगी कि नदियां भर गईं और हमारा पूरा गांव बर्बाद हो गया। उसके बाद, होटल के बाहर, 40-50 हजार लोग उनके पैर छूने के लिए खड़े हो गए क्योंकि उन्हें लगता था कि भगवान आ गए हैं। जैसलमेर में पानी नहीं था और फिर, नदियां भर गईं। मैंने इसे अपनी आंखों से देखा।


