नीरज के पवन साब : कमीशन के खेल में पीबीएम के नामी डॉक्टर, लूटे जा रहे मरीज, ढर्रा बदल पाए तो होगी बड़ी उपलब्धि - Khulasa Online नीरज के पवन साब : कमीशन के खेल में पीबीएम के नामी डॉक्टर, लूटे जा रहे मरीज, ढर्रा बदल पाए तो होगी बड़ी उपलब्धि - Khulasa Online

नीरज के पवन साब : कमीशन के खेल में पीबीएम के नामी डॉक्टर, लूटे जा रहे मरीज, ढर्रा बदल पाए तो होगी बड़ी उपलब्धि

– आमजन को उम्मीद संभागीय आयुक्त नीरज के पवन से, क्या कर पाएंगे कार्यवाही?

खुलासा न्यूज, बीकानेर। कहने को तो पीबीएम सरकारी अस्पताल है। यहां आने वाले मरीजों को चिकित्सकों को मजबूरी में फ्री में इलाज करना पड़ता है लेकिन इस भरपाई वे मेडिकल जांचों व दवाइयों में कमीशन लेकर कर लेते हैं। पीबीएम अस्पताल के खुलासा स्टिंग में चौकाने वाले तथ्य यह सामने आए हैं कि यहां पीबीएम के नामी चिकित्सकों की अलग अलग लैब व मेडिकल दुकानों से मिलीभगत है और वे अपनी पर्चियों पर 40 से 45 प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं। कमीशन के खेल से अब पीबीएम से मरीजों का विश्वास उठता जा रहा है। बीकानेर से तीन मंत्री है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब जनता को बीकानेर संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन पर उम्मींदे है । बता दें कि पीबीएम की साख को बचाने के लिए काफी समय बाद बीकानेर संभाग के संभागीय आयुक्त एक्टिव मोड पर है। अब देखने वाला विषय यह होगा कि कमीशन के खेल पर संभागीय आयुक्त क्या एक्शन लेते है ? अगर वाकई में संभागीय आयुक्त साहब पीबीएम के ढर्रा बदल पाए तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

एमआर, मेडिकल संचालक, लैब संचालक और पीबीएम के डॉक्टर्स की चेन, इस कारण लूटे जा रहे मरीज
सैकड़ों कंपनियों के नुमाइंदे जिले के सरकारी व प्राइवेट चिकित्सकों को अपनी कंपनी की दवाई लिखवाने तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। दवाओं पर कमीशन के अलावा डॉक्टरों की पार्टियां, टूर गिफ्ट भी दिए जाते हैं। खुलासा स्टिंग में सामने आया कि मेडिकल कंपनी के एमआर, मेडीकल संचालक और लैब संचालक और पीबीएम के डॉक्टर्स की एक चेन कार्य कर रही है। जिससे मरीजों की मंहगा इलाज मिल रहा है।

कमीशन के खेल में डॉक्टरों का फोकस जांच पर ज्यादा
कमीशन का खेल सर्वाधिक मेडिकल जांचों पर खेला जाता है। अधिकांश मरीजों की जांचें लिखी जाती है। कमीशन के चक्कर में चिकित्सक एक सफेद पर्ची पर जांच लिख देते हैं। स्टिंग के दौरान कई ऐसे केस सामने आए हैं जिसमें मरीज को रेजीडेंट डॉक्टर द्वरा सफेद पर्ची पर ही जांचें लिख दी गई। परेशान परिजन उस लपके की बात में आ जाते हैं और उसके साथ जाकर 500 से 2 हजार तक की जांच बाहर से करवाने पर मजबूर होते हैं। खुलासा स्टिंग में सामने आया कि सीनियर डॉक्टर के निर्देश की पालना में रेजीडेंट डॉक्टर बाहर की दवाई और जांच करवाने के लिए पैसेन्ट्स और परिजनों पर दबाव बनाते है ? पड़ताल में यह भी सामने आया कि रेजीडेंट सफेद पर्ची में सीनियर डॉक्टर का नाम और जांच का नाम लिखते है और नामचीन लैब से जांच करने के लिए पाबंद करता है। बेबस परिजन नामचीन लैब से जांच करवाने के लिए मजबूर होते है।

बड़े कारोबार क रूप ले चुका है
पीबीएम अस्पताल में तो डॉक्टरों और दवा कंपनियों के बीच कमीशन का तालमेल का यह खेल अब बड़े कारोबार का रुप ले चुका है। अस्पताल के प्रसूति, शल्य, कैंसर, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, शिशु रोग विभाग के डॉक्टर सबसे ज्यादा जांचें व ब्रांडेड दवाएं लिखते है

खुलासा ने की पड़ताल तो सामने आया डॉक्टर का कारनामा
खुलासा न्यूज़ ने पड़ताल की तो पता चला कि निजी क्षेत्र की लेबोरेट्री वाले उसके यहां मरीज भेजने वाले डॉक्टर को 50 प्रतिशत तक का कमीशन मय लिखित हिसाब भिजवाते है। यह सब मरीजों की जेबों से आता है।

इन लैबों से डॉक्टर्स को मिलता है कमीशन
– बिन्नाणी लैब
– पैथ लैब
– लाल लैब
– सरीन लैब
– प्रकाश लैब
– कच्छावा लैब
– विकास अल्ट्रासाउण्ड लैब
– स्वास्थ्यम लैब
– बोथरा लैब
– डीआर लैब
– गोयल लैब
– बिकाणा लैब

 

खुलासा बनेगा आपकी आवाज
अगर कोई डॉक्टर बाहर से जांच करवाने के लिए कहे तो हमें बताइए, हम आपकी आवाज बनेंगे। इस नंबर (91 76659 80000) पर इससे संबंधित साक्ष्य भेजिए

 

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