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पीबीएम का ट्रोमा सेंटर रामभरोसे, चार घंटों तक स्ट्रेचर पर बैठे मरीज, देखें वीडियों

निखिल स्वामी व राजा जोशी की ग्राउंड रिपोर्ट
बीकानेर
बीकानेर के संभाग के सबसे बड़े पीबीएम के ट्रोमा सेंटर के हाल बेहाल है। जहां मरीजों को पूरी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं सीनियर डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान नजर आ रहे है। जबकि ट्रोमा सेंटर में संभाग के अलावा भी बड़े केस रोजाना आते रहते है। लेकिन जब मरीज ट्रोमा सेंटर में आते है तो उसी समय एकबारगी तो इलाज कर दिया जाता है, लेकिन बाद में सीनियर डॉक्टरों को दिखाने का बात आती है तो वहां मरीजों को चार घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। विशेषतौर पर मंगलवार व शनिवार के दिन मरीजों को इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 8 बजे डॉक्टर राउंड पर होते है, लेकिन एक बजे तक मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहते है। उस दरम्यिान भर्ती हुए मरीज स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे परेशान हो जाते है, वहीं अगर बड़ा हादसा में गंभीर मरीज आते है तो उन मरीजों को हटाकर स्ट्रेचर दिया जाता है और उन मरीजों पर नीचे या बाहर भेजा जाता है। अस्पताल में गंभीर मरीजों के आने पर कई बार लाईट चली जाती है तो मरीज परेशान हो जाते है। भामाशाहों की ओर से दिए गए गद्दे के हालात भी खराब है। यहां तक मरीजों व स्टाफ केे लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। मरीज के साथ पीबीएम के अटेंडेंट की भी कमी नजर आ रही है। ऐसे में मरीजों की सही तरह से देखभाल नहीं हो पा रही है। आए दिन ट्रोमा सेंटर में ऐसी घटनाएं सामने आती है। कुछ दिन पूर्व भी ट्रोमा सेंटर में कर्मचारियों ने तनख्वाह नहीं मिलने पर एक्सरे के कमरे पर ताला भी लगा दिया था, ऐसे में सीनियर डॉक्टर व पीबीएम अधीक्षक की ओर से इन व्यवस्थाओं पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इनकी लापरवाही का नतीजा है कि यहां मरीज परेशान है। संभागीय आयुक्त नीरज के पवन भी पीबीएम का निरीक्षण कर चुके और डॉक्टरों का लताड भी लगा चुके है, लेकिन इसमें कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में बीकानेर का पीबीएम का ट्रोमा सेंटर अस्पताल रामभरोसे ही है।

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