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पीबीएम के नर्सिगकर्मी की जलकर हुई मौत,इलेक्ट्रिक लाइन की चपेट में आया

खुलासा न्यूज,बीकानेर। किसी व्यक्ति के लिये इससे बड़ा दुर्भाग्य का दिन क्या होगा कि जिस दिन उसकी शादी की सालगिरह हो उसी दिन उसकी मौत हो जाएं। जी हां बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के जनाना वार्ड  में मेल नर्स मनीष के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। जब घर जाने के लिये मालगाड़ी के ऊपर से ट्रेक पार कर मनीष इलेक्ट्रिक लाइन की चपेट में आकर जल गया। मिली जानकारी के अनुसार अलवर में यह एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी के ऊपर से जाने के प्रयास में 30 साल का युवक 25 केवी वाली बिजली की लाइन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। युवक बीकानेर के हॉस्पिटल में नर्सिंगकर्मी है। आज उसकी शादी की सालगिरह थी। इस वजह से वह बीकानेर से अलवर अपने घर आया था।
मालगाड़ी के ऊपर से जा रहा था युवक
बैग से मिले पहचान पत्र के अनुसार मृतक का नाम मनीष कुमार है। वह बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में नर्स था। रविवार को उसकी शादी की सालगिरह थी। वह आश्रम एक्सप्रेस से बीकानेर से आया था। उसका घर प्लेटफॉर्म के दूसरी तरफ सब्जीमण्डी में है। काफी देर तक मालगाड़ी प्लेटफॉर्म पर खड़ी रही। घर जाने की जल्दी में ट्रेन पकडऩे के लिए जल्दी में वह मालगाड़ी के ऊपर से निकला। हाईटेंशन लाइन के नीचे से निकलते समय उसका पीछे लटका बैग तारों में अटका गया। इसके बाद यह हादसा हो गया।
लग सकती थी टैंकर में आग
मनीष ने जिस मालगाड़ी के ऊपर से जाने की कोशिश की, उसमें पेट्रोल के टैंकर थे। गनीमत रही कि यह सभी टैंकर खाली थे। वरना बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।
आग के बाद दमकल और स्टाफ पहुंचा
आग लगने के बाद दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे। साथ ही रेलवे, जीआरपी और आरपीएफ की टीम भी पहुंच गई। करीब साढ़े 6 बजे तक मृतक को मालगाड़ी से हटाकर अस्पताल भिजवाया गया। लेकिन, उसकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी। उसका शरीर पूरी तरह जल चुका था।
यूं हुआ हादसा
पहले रेलवे कर्मियों ने यह अनुमान लगाया कि नर्सिंगकर्मी मनीष कुमार संभवतया आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन से जाने के लिए रेलवे के तीन नम्बर प्लेटफॉर्म की तरफ से दो नम्बर पर आना चाह रहा था। इस कारण वह मालगाड़ी के ऊपर से आया। लेकिन बाद में पता चला कि मनीष बीकानेर से अलवर पहुंचा था। अलवर से घर जाने की जल्दी थी। असल में रविवार को उसकी शादी की सालगिरह भी थी। इस कारण जल्दबाजी में वह मालगाड़ी के ऊपर से निकला। विद्युत लाइन से नीचे से झुककर निकल रहा था। लेकिन पीछे बैग तारों में अटक गया और वह 25 केवी के करंट से चिपक गया। इसी वजह से उसका बैग दूसरी तरफ गिरा मिला।
विद्युतीकरण के बाद पहला हादसा
अलवर से जयपुर विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के बाद यह पहला हादसा है। जिसमें मालगाड़ी या ट्रेन के ऊपर से आते समय बड़ा हादसा हुआ है।
फुटओवर ब्रिज चालू होता तो बच जाती जान
असल में अलवर जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर 2 से 3 व 4 की तरफ जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज बंद है। यह चालू होता तो मनीष कुमार की जान बच सकती थी। कोरोना महामारी की वजह से कई महीनों से दूसरी तरफ का फुटओवर ब्रिज बंद है। मनीष कुमार आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन से शाम करीब 6:00 बजे अलवर पहुंचा था। यहां से वह जंक्शन की दूसरी तरफ जाने के लिए पहले से प्लेटफार्म नंबर 4 की तरफ खड़ी मालगाड़ी के ऊपर से निकला। यदि फुटओवर ब्रिज चालू होता तो संभवत: वह फुटओवर ब्रिज के ऊपर से निकलता ओर उसकी जान बच सकती थी।

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