पीबीएम अस्पताल में फिर चोरी,अधिकारी ने ही चोरी कर लगाई हजारों की चपत - Khulasa Online पीबीएम अस्पताल में फिर चोरी,अधिकारी ने ही चोरी कर लगाई हजारों की चपत - Khulasa Online

पीबीएम अस्पताल में फिर चोरी,अधिकारी ने ही चोरी कर लगाई हजारों की चपत

बीकानेर। हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था,कश्ती वहीं डूबी जहां पानी का बहाव कम था। वाली युक्ति पीबीएम अस्पताल पर सटीक बैठ रही है। यहां सरकार के कार्मिक ही राजस्व को चूना लगाने में लगे हुए है। अभी ठेके के नाम पर कमीशन वाले वायरल ऑडियो का मामला अभी शांत हुआ ही नहीं था कि एक ओर मामला प्रकाश में आया है। जिसमें अस्पताल के सुरक्षा अधिकारी बिजली चोरी करते पकड़े गये और उन पर जुर्माना लगाया गया है। बीकानेर इले िक्ट्रसिटी सप्लाई लिमिटेड की सतर्कता जांच के दौरान पीबीएम के सुरक्षा अधिकारी संजय तिवारी के कक्ष में जांच करने पहुंचे कंपनी के विकास कुमार ने पाया कि संजय तिवारी बिना उपभोक्ता के ही बिजली का कनेक्शन करवाकर बिजली चोरी कर रहे है। पीबीएम के गेट नं 2 के पास स्थित सुरक्षा अधिकारी ने अपने कक्ष में पास वाले पोल से कुंडी डालकर अवैध रूप में कक्ष में सीधी बिजली सप्लाई ले रखी थी। इस कक्ष में 1250 वॉट का एक एसी,250 वॉट का कूलर,40 वॉट की ट्यूब लाईट व 60 वॉट का पंखे का उपभोग किया जा रहा है। जिस पर 83781 का जुर्माना लगाकर सात दिवस में राशि जमा करवाने के निर्देश दिए गये है।
बिना कनेक्शन ही कर रहे थे बिजली उपभोग
एईएन सीओ-2 की ओर से 9 जुलाई को सुबह की गई कार्यवाही में पाया गया कि सुरक्षा अधिकारी संजय तिवारी के क क्ष में 1.60 किलो वॉट के उपकरण बिना उपभोक्ता कनेक्शन के अवैध रूप से चल रहे है। जिस पर 12 जुलाई को नोटिस जारी कर जुर्माना सप्ताह भर में भरने की हितायत दी गई है। ऐसा न करने पर कानूनी
पूर्व में भी हो चुके है सामान चोरी
संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल में कार्मिकों की ओर से सामान चोरी का यह पहला प्रकरण नहीं है। पूर्व में भी अनेक सामान गायब होने की एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसके बाद भी पीबीएम प्रशासन किसी प्रकार से दोषी कार्मिकों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है।
अस्पताल में भ्रष्टाचार चरम पर
क ओर राज्य सरकार अस्पताल में पहुंचने वाले रोगियों व उनके परिजनों को सुविधाएं व राहत प्रदान करने के लिये क रोड़ों रूपये का बजट प्रदान करती है। लेकिन उस बजट का दुर्पयोग उनके ही कर्मचारी करते आए है। ऐसे कई प्रकरण प्रकाश में आने के बाद भी सरकार व स्थानीय मंत्री इस ओर ध्यान नहीं देने से पीबीएम भ्रष्टचार का गढ़ बन चुकी है। पिछले दिनों ठेके के लिये रिश्वत का एक ओडियो भी वायरल हुआ था। यहीं नहीं मशीनों की खरीद में घालमेल,पीबीएम में अलग अलग मद में ठेके पर काम करने वाली फर्मों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार भी समाचार पत्रों में उजागर हो चुके है। उसके उपरान्त भी न तो जिला प्रशासन और न हीं राज्य सरकार ऐसे ठेकेदारों व कर्मचारियों पर कानूनी कार्यवाही कर रहा है।

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