बीकानेरवासी ध्यान दें... खुद से खुद के डॉक्टर ना बनें, कोरोना से ठीक होने के बाद टेस्ट जरूरी नहीं, वैक्सीनेशन से पहले इन बातों पर दें ध्यान, जानिए एक्सपर्ट डॉ. दयाल शर्मा की राय - Khulasa Online बीकानेरवासी ध्यान दें... खुद से खुद के डॉक्टर ना बनें, कोरोना से ठीक होने के बाद टेस्ट जरूरी नहीं, वैक्सीनेशन से पहले इन बातों पर दें ध्यान, जानिए एक्सपर्ट डॉ. दयाल शर्मा की राय - Khulasa Online

बीकानेरवासी ध्यान दें… खुद से खुद के डॉक्टर ना बनें, कोरोना से ठीक होने के बाद टेस्ट जरूरी नहीं, वैक्सीनेशन से पहले इन बातों पर दें ध्यान, जानिए एक्सपर्ट डॉ. दयाल शर्मा की राय

खुलासा न्यूज, बीकानेर। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरे देश में सदमे का माहोल है। ऐसे में रिकवरी रेट को उम्म्मीद की तरह देखा जा रहा है। बीकाने सहित प्रदेशभर में हालात बेकाबू है। हॉस्पीटल कोविड मरीजों से भर चुका है। कोविड टेस्ट के लिए लंबी कतारे लगी हुई है, स्थितियां बिगड़ती जा रही है। बेकाबू हालातों के बीच एक्सपर्ट डॉक्टर दयाल शर्मा का कहन है कि कोरोना से रिकवर हुए मरीज करीबन एक महीने बाद वैक्सीन लगवा सकते है। साथ ही अपनी सेहत का भी ख्याल रखें।
रिकवर होने के बाद भी मरीजों को पोस्ट रिकवरी टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हर किसी को पोस्ट कोविड टेस्ट करवाने की कोई आवश्यकता नहीं है। गंभीर मरीजों को डॉक्टर्स के परामर्श से टेस्ट करवाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि खून की जांच भी अपने मन से ना कराएं। खुद से खुद के डॉक्टर ना बनें। कई लोग हर तीन महीने बाद अपने मन से सीटी करा रहे हें जो कि गलत है। माइल्ड सिम्पटम वालों को साधारण दवाओं से फायदा हो जाता है। स्टाइरॉइड लेने की जरूरत नहीं।
साथ ही डॉक्टर दयाल शर्मा ने कहा कि वैक्सीनेशन से पहले कई बातों को ध्यान देने की जरूरत है। नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है। खांसी, बुखार, जुखाम वालों को वैक्सीनेशन नहीं करवानी चाहिए। अगर इस स्थिति में वैक्सीनेशन करवाने से कई दिक्कतें हो सकती है। ऐसे कई मरीज हॉस्पीटल आ रहे है। इसलिए इन बातों को नजरअंदाज नहीं करना बेहतर होगा।

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