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आरटीई के एडमिशन को लेकर आये नये नियमों से अभिभावक हो रहे परेशान

बीकानेर। राजस्थान में शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश की गाइडलाइन जारी की। अब अभिभावक का आय का खुद का घोषणा पत्र नहीं चलेगा। साथ ही आयु सीमा में एक साल की कटौती की है।
राजस्थान में शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश की गाइडलाइन जारी की। इस बार प्रावधानों में बड़ा बदलाव किया है। आय प्रमाण-पत्र बनवाने में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब अभिभावक का आय का खुद का घोषणा पत्र नहीं चलेगा। इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित प्रारुप में ही आय प्रमाण-पत्र बनवाना होगा। पहली कक्षा में प्रवेश के लिए भी आयु सीमा में एक साल की कटौती कर दी है। इस साल 6 से 7 साल के बच्चों का ही पहली कक्षा में प्रवेश हो सकेगा। पिछले साल पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा 5 से 7 साल तक थी। हालांकि, विभाग की ओर से आरटीई प्रवेश के लिए 3 अप्रैल बुधवार से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। आवेदन की अंतिम तिथि 21 अप्रैल रविवार है। प्रवेश का वरियता क्रम तय करने के लिए 23 अप्रैल को लॉटरी निकाली जाएगी। प्रदेश के करीब 40 हजार निजी स्कूलों की 4 लाख से अधिक सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन किए जा सकेंगे।
ये नियम बदले
2.50 लाख रुपए सालाना से कम आय के लिए राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में आय घोषणा पत्र बनवाना होगा। इस बार केवल 2 कक्षाओं में ही प्रवेश हो सकेंगे। पीपी थ्री प्लस और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकेगा। पहले 4 कक्षाओं में प्रवेश दिया था। इस साल पीपी थ्री प्लस के लिए आयु सीमा 3 से 4 साल और पहली कक्षा के लिए आयु सीमा 6 से 7 साल रखी है। पीपी थ्री प्लस की आयु सीमा में तो बदलाव नहीं है। आयु की गणना की तारीख में भी बदलाव किया है। अब 31 जुलाई 2024 के आधार पर आयु सीमा की गणना की जाएगी। सरकार ने 50 जिले कर दिए हैं, लेकिन लोगों के पास नए जिलों के दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए 33 जिलों के आधार पर ही प्रवेश प्रक्रिया चलेगी और इन जिलों के दस्तावेजों से प्रवेश हो सकेंगे।
दुर्बल वर्ग:- ऐसे बालक जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए या इससे कम हो।एससी, एसटी, अनाथ बालक, एचआईवी अथवा कैंसर से प्रभावित माता-पिता के बच्चे या इससे प्रभावित बालक, निशक्त बालक बीपीएल, 2.50 लाख सालाना या इससे कम आय वाले ओबीसी-एमबीसी के अभिभावकों के बच्चे। 5 निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकता है। पांचों स्कूलों में प्रवेश की वरीयता भी देनी होगी, कि वह प्रवेश के लिए इन कौन से स्कूल को प्रथम वरीयता पर रखता है और कौन से स्कूल को दूसरी, तीसरी, चौथी और 5 वीं वरीयता पर रखता है। लॉटरी के बाद एक स्कूल में ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी।

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