
यहां के कारीगरों को चित्रकला में महारत है हासिल, चटकीले रंगों से बनी चित्रकारी बनी आकर्षण का केंद्र






बीकानेर रियासत काल से बीकानेर की पारंपरिक चित्रकला की अपनी पहचान रही है. यहां के कलाकारों की सिद्धहस्त चित्रकारी शहर के महलों, हवेलियों, मंदिरों में आज भी चटकीले रंगों, बारीकी के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
बीकानेर शहर के मोहल्ला चूनगरान के कलाकारों ने मुगलकालीन, राजपूत शैली, सोने की कलम, रोगानी, आलागिला चित्रकारी में विशेष ख्याति अर्जित प्राप्त है. उत्तर प्रदेश के किछौछा शरीफ में सरकारे कलां दरगाह में बीकानेरी गोल्डन कलम का काम चल रहा है. यह गोल्डन वर्क मोहल्ला चूनगरान निवासी युवा चित्रकार अकबर अली कर रहे हैं.
अपने काम से बनाई पहचान
चित्रकार अकबर अली ने बताया कि दरगाह के 30 फीट ऊपर गुंबद के अंदर मुगलकालीन चित्रकारी और सोने की कलम का काम पिछले एक महीने से चल रहा है. चित्रकार ने बताया कि इन दरगाहों के अलावा राजस्थान के अनेक जिलों में जैसे बीकानेर के अलावा अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर की संदली मस्जिद में, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, गंगानगर, सवाई माधोपुर, पुष्कर, कोटा चित्तौड़गढ़ सहित दिल्ली में भी बीकानेर के इस चित्रकार ने यहां की चित्रकारी का काम करके बीकानेर की छाप छोड़ी है.


