बीकानेर में जेल में लगेगा ये सिस्टम, मोबाइल की आउटगोइंग-इनकमिंग कॉल पूरी तरह ब्लॉक

बीकानेर में जेल में लगेगा ये सिस्टम, मोबाइल की आउटगोइंग-इनकमिंग कॉल पूरी तरह ब्लॉक

बीकानेर में जेल में लगेगा ये सिस्टम, मोबाइल की आउटगोइंग-इनकमिंग कॉल पूरी तरह ब्लॉक

बीकानेर। बीकानेर जेल में बंदियों के पास मोबाइल और उससे बाहर बात करने की समस्या अब अंकुश लग जाएगा। जेलों में जल्दी ही टॉवर बेस्ड हारमोनियम कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम लगेगा जो तय किए गए स्थानों पर आउटगोइंग-इनकमिंग कॉल रोक देगा। वर्तमान में बीकानेर केन्द्रीय कारागृह सहित अनेक जेलों में सबसे बड़ी समस्या है बंदियों के पास मोबाइल पहुंचना जिससे वे जेल में होने के बावजूद बाहर बात कर आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं, गैंग चलाते हैं। बीकानेर रेंज के तत्कालीन आईजी ओमप्रकाश ने खुलासा किया था कि बीकानेर जेल के बंदियों के पास मोबाइल है जो बाहर करीब 800 से ज्यादा लोगों के संपर्क में हैं। अब जल्दी ही बंदियों के पास मोबाइल होने की इस समस्या पर अंकुश लग जाएगा। जेल प्रशासन और मोबाइल कंपनियों के बीच एक एमओयू हुआ। इस एमओयू के मुताबिक जेलों में टॉवर बेस्ड हारमोनियम कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम लगेगा।

इस सिस्टम से जेल में बंदियों को रखे जाने वार्ड-बैरक के एरिया में मोबाइल की आउटगोइंग-इनकमिंग कॉल पूरी तरह ब्लॉक हो जाएगी। इससे बंदियों के पास मोबाइल होने के बावजूद वे बात नहीं कर पाएंगे। जेल प्रशासन ने यह एमओयू करने से पहले पंजाब और दिल्ली के तिहाड़ जेल में लगे टी-एचसीबीएस सिस्टम के बारे में जानकारी जुटाई। अधिकारियों को वहां भेजा और उसकी प्रभावशीलता जानने के बाद जियो, एयरटेल, बीएसएनएल और वोडाफोन मोबाइल कंपनियों से एमओयू किया है। बीकानेर और जोधपुर के केन्द्रीय कारागृहों में यह सिस्टम लग चुका है और जल्दी ही काम करना शुरू करेगा। पुराने जैमर केवल 2G या 3G नेटवर्क को ही ब्लॉक कर पाते थे। लेकिन, टी-एचसीबीएस 4G और 5G जैसे आधुनिक नेटवर्क को भी ब्लॉक करेगा। गौरतलब है कि बीकानेर जेल में सुरक्षा और अवांछित गतिविधियों को रोकने के लिए बंदियों को अल्फाबेटिक सिस्टम से बैरकों में शिफ्ट किया गया है। जेल परिसर में लगे टॉवर के पास निगरानी बढ़ाई गई है।

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