Gold Silver

राइट टू हेल्थ का विरोध,लगातार तीसरे दिन प्राइवेट अस्पताल में ओपीडी सेवाएं बंद, परेशान रोगियों के लिए सरकारी अस्पताल ही सहारा

बीकानेर राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे प्राइवेट अस्पताल में सोमवार को भी ओपीडी बंद रहे। इमरजेंसी सेवाएं भी पूरी तरह बाधित रही। ऐसे में सरकारी अस्पतालों पर रोगियों का दबाव ज्यादा रहा।उधर, प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों ने कहा है कि इस बिल का विरोध करने से आम आदमी को ही लाभ होने वाला है। सरकार की नीतियां इस बिल में स्पष्ट नहीं है।जीवनरक्षा अस्पताल के संचालक डॉ. विकास पारीक ने बताया कि राइट टू हेल्थ बिल के चलते प्राइवेट अस्पतालों का अस्तित्व संकट में आ सकता है। सरकार जिस तरह का बिल ला रही है, उससे गुणवत्तावाला इलाज नहीं मिल सकेगा। राजस्थान के लोगों को गुणवत्ता का इलाज देने के लिए खर्चे करने पड़ते हैं। सरकार चाहती है कि सबका इलाज एक जैसा हो। जो लोग बेहतर इलाज लेना चाहते हैं, वो बेहतरसुविधा लेते हैं। ऐसे में ये छूट आम आदमी को मिलनी चाहिए कि उसे कैसा इलाज मिलना चाहिए। डॉ. पारीक ने कहा कि अगर आम आदमी राइट टू हेल्थ बिल के बारे में कोई जानकारी लेना चाहता है तोधरना स्थल पर आ सकता है।वरिष्ठ डॉक्टर्स भी पहुंचे मेडिकल कॉलेज के सामने चल रहे धरने पर बीकानेर के कई वरिष्ठ डॉक्टर भी पहुंचे। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पी.सी. खत्री भी धरना स्थल पर पहुंचे और नो टू आरटीएच का नारा लगाया। इसके अलावाडॉ. आनन्द बिन्नाणी भी इस आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल के अधिकांश संचालक भी इस आंदोलन का साथ दे रहे हैं।

Join Whatsapp 26