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इस स्कूल में 600 स्टूडेंट्स पर सिर्फ चार अध्यापक

बीकानेर। बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ के एक ग्रामीण विद्यालय के स्टूडेंट्स शनिवार को क्लासेज का बहिष्कार कर सडक़ पर आ गए। इन स्टूडेंट्स ने अपने बस्ते सडक़ पर कतारबद्ध रख दिए और विरोध करने लगे। दरअसल, स्कूल में छह सौ स्टूडेंट्स पर महज चार टीचर्स है। ऐसे में पढ़ाई तो दूर क्लासेज तक शुरू नहीं हो पा रही है। एक-दो टीचर अनुपस्थित रहने पर महज एक-दो टीचर ही रहते हैं।
श्रीडूंगरगढ़ के बादनूं गांव के स्टूडेंट्स के सब्र का बांध शनिवार को टूट गया। इस स्कूल में छह सौ स्टूडेंट्स पर महज चार टीचर काम कर रहे हैं। रिक्त पदों को भरने के लिए अर्से से मांग हो रही है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षा निदेशालय तक मांग की गई लेकिन कोई रिजल्ट नहीं आया। कक्षा नौ से बारह तक के स्टूडेंट्स की पढ़ाई पूरी तरह ठप है। जो टीचर यहां नियुक्त है, उनमें भी कुछ डेपुटेशन पर अन्यत्र काम कर रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो चुकी है। ऐसे में छात्राओं ने क्लासेज का बहिष्कार किया और स्कूल के आगे से गुजर रहे मुख्य रास्ते पर अपने बस्ते रख दिया। इस दौरान मुख्य रास्ते पर कई वाहनों की कतारे लग गई। छात्राओं की मांग थी कि प्राचार्य, उपप्राचार्य, विषय शिक्षकों सहित रिक्त पड़े सभी पदों को भरा जाए।
छात्राओं के आक्रोश की सूचना मिलने पर सरपंच प्रतिनिधि मालाराम प्रजापत भी मौके पर पहुंचे और विद्यालय के शिक्षकों के साथ छात्राओं से समझाया। सरपंच में बताया कि गत 2 सालों से पद भरने की मांग को लेकर निदेशालय के अनेक चक्कर लगा चुके हैं और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी अनेक बार मदद की गुहार लगा चुके हैं। करीब 1.30 घंटे तक चले इस घटनाक्रम का पटाक्षेप मंगलवार तक शिक्षा व्यवस्था सुधारने के आश्वासन के बाद हुआ। मंगलवार तक विभाग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति के प्रयास नहीं किये गए तो ग्रामीण भी बच्चों का साथ देंगे और तेज आंदोलन करेंगे।

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