
एक माह कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक






कर्क संक्रान्ति 16 जुलाई को : सिंह पर बैठकर सूर्यदेव करेंगे कर्क राशि में प्रवेश 16 अगस्त तक शनि की दृष्टि रहेगी सूर्य पर
जयपुर। श्रावण कृष्ण एकादशी पर 16 जुलाई को सूर्य देव सिंह पर सवार होकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस कर्क संक्रांति के साथ ही निरयण दक्षिणायन शुरू हो जाएगा। इस दिन सूर्य सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। शनि की दृष्टि सूर्य पर रहेगी। ज्योतिषियों की मानें तो शनि की दृष्टि सूर्य पर होने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढेगा, वहीं बारिश में कमी आएगी। यह स्थिति करीब एक माह रहेगी।
ज्योतिषाचार्य आदित्य मोहन शर्मा ने बताया कि सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के दौरान शनि की दृष्टि सूर्य पर रहेगी, जो करीब एक माह 16 अगस्त तक रहेगी। सूर्य जल राशि में बैठा है। शनि और सूर्य आपस में शत्रु है, ऐसे में 16 जुलाई से 16 अगस्त तक कोरोना संक्रमण चरम पर रहेगा और बारिश में कमी आएगी। इसमें 16 अगस्त के बाद सुधार होगा। कोरोना संक्रमण का प्रकोप भी 16 अगस्त के बाद कम होता जाएगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि सूर्य संक्रांति का पुण्यकाल 16 जुलाई को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। संक्रान्ति के समय कन्यालग्न में सूर्य-शनि में समसप्तक दृष्टि-संबंध से प्राकृतिक आपदाएं तथा कहीं मंहगाई में वृद्धि और राजनीति में विवाद बढेंगे। मंत्रीमण्डल में परिवर्तन या उलटफेर होंगे। उन्होंने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार कर्क संक्रांति को छह महीने के उत्तरायण काल का अंत माना जाता है। साथ ही इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है, जो मकर संक्रांति तक चलती है। सूर्य के उत्तरायन होने से शुभता में वृद्धि होती है, वहीं सूर्य के दक्षिणायन होने से नकारात्मक शक्तियां प्रभावी हो जाती है
ज्योतिषाचार्य शालिनी सालेचा ने बताया कि वारनाम मन्दा होने से यह माह उच्च आय वर्ग वालों के लिए शुभ होगा, नक्षत्र नाम मिश्रा होने से पशुपालकों के लिए भी यह शुभ होगा। बव करण में प्रवेश होगा। देव जाति की यह संक्रान्ति है, जिसका वाहन सिंह व उपवाहन हाथी है। यह माह बालकों के लिए कष्टप्रद होगा। 30 मुहूर्त्त की संक्रान्ति धान्य के भाव नियन्त्रित करेगी।


