
सावन में भगवान भाेले को ये चीजें करें अर्पित






ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनन्मृत्योम्रुक्षीय मामृतात्।। अर्थात: हे ईश्वर, जिनके तीन नेत्र हैं उनकी प्यार, सम्मान और आदर से उपासना करते हैं जिसमे संसार की समस्त सुगंध हैं अर्थात जिसका स्वभाव मीठा है जो सम्पूर्ण हैं जिसके कारण स्वस्थ जीवन है जो रोग, लालसा एवं बुराई का नाश करता है जिस कारण जीवन समृद्ध होता है, उस एक अनश्वर से प्रार्थना है कि वह हमारे सारे बंधन काटकर मोक्ष का द्वार दिखाए। भगवान शिव को समर्पित सावन मास रविवार से शुरू होगा।
जो 22 अगस्त तक रहेगा। सावन मास में शिवभक्त भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। सावन का महीना भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव भक्तों को उनकी पूजा-आराधना का फल तुरंत देते हैं। सावन मास को लेकर भोलेनाथ के भक्तों में अलग ही उत्साह है। इस महीने लोग विधि-विधान से पूजा करने के साथ अपनों को सावन की बधाई भी देते हैं।
इस बार सावन में चार सोमवार और दो प्रदोष व्रत रहेंगे। इसके अलावा कई विशेष शुभ योग भी आएंगे। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है। महादेव की आराधना और भक्ति के लिए शिव मंदिरों में तैयारियां होने लगी। रंग-रोगन और रिपेयरिंग के साथ भक्त भोलेनाथ के विशेष शृंगार की तैयारी कर रहे हैं।
श्रद्धालु सावन में भगवान भाेले को ये चीजें करें अर्पित
- भगवान भाेले को दूध बेहद प्रिय है। इसलिए भगवान भाेले की पूजा में कच्चे दूध का उपयाेग शुभ फलदायी माना जाता है। सावन महीने में शिव पूजा के समय शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। इन दिनाें भगवान भाेले का दूध से रूद्राभिषेक करने से मनोकामना पूरी होने की मान्यता है।
- भगवान भाेले को धतूरा, बेलपत्र, चंदन, केसर, भांग, इत्र, अक्षत, शक्कर, दही, घी, गंगाजल, शहद, गन्ने का रस और फूल आदि अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।
- भगवान भाेले को आक का लाल और सफेद पुष्प अर्पित करना शुभ होता है। भगवान भाेले को ना चढ़ाएं ये चीजें…
- भगवान भाेले को केतकी और केवड़े का फूल चढ़ाना वर्जित है।
- महादेव की पूजा में शंख वर्जित माना जाता है।
- शास्त्रों के अनुसार, भोलेनाथ की पूजा में तुलसी दल भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- शिवजी की पूजा करते समय नारियल या नारियल का पानी उपयाेग नहीं करना चाहिए।
- भगवान शिव को रोली या कुमकुम नहीं लगाना चाहिए। भोलेनाथ को सिर्फ चंदन लगाना चाहिए।


