
अब भू उपयोग परिवर्तन के लिए अब नहीं होना पड़ेगा परेशान






जयपुर। राजस्थान में चुनावी साल में सरकार आम जनता को खुश करने के लिए कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है। यही कारण है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में अब भू-उपयोग परिवर्तन संबंधी काम भी होंगे। इस संबंध में नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
जिसके तहत पट्टाशुदा और आबादी के भूखंडों का अभियान में भू-परिवर्तन होगा। लेकिन इसके साथ एक शर्त भी जोड़ दी गई है। अभियान में केवल उन्हीं भूखंडों का भू-परिवर्तन होगा। जो प्रस्तावित भू-उपयोग मास्टर और जोनल प्लान के अनुरूप होंगे।
ऐसे में इस छूट का ज्यादा लोगों को लाभ नहीं मिलेगा। क्यों कि शहर का अधिकांश हिस्सा मास्टर प्लान के अनुरूप बसा हुआ नहीं है। हालांकि, अभियान के तीन चरणों में कई कॉलोनियों को नियमित कर दिया गया है। इसलिए इस छूट का फायदा इन्हें मिल सकता है।
बता दें कि इससे पहले इस तरह के मामलों में उच्च स्तरीय कमेटी के फैसले के बाद ही भू-परिवर्तन हो पाता था। जिसकी वजह से जनता को काफी लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता था। वहीं अब सरकार के इस फैसले से कम वक्त में सरल तरीके से भू-परिवर्तन हो सकेगा।
यह किया बदलाव
प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि में प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए और जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह छूट प्रदान की है। अब लोगों को भू-उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया एवं राय भू-उपयोग परिवर्तन समिति में रखने की आवश्यतकता नहीं है। केवल विज्ञप्ति जारी कर समस्त क्षेत्रफल के भूखंडों का भू-उपयोग परिवर्तन अभियान अवधि में समक्ष अधिकारी द्वारा किया जाएगा। हालांकि इसके लिए तय शुल्क देना पड़ेगा।
इस तरह मिलेगा फायदा
सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेशभर की आवासीय कॉलोनियों के भूखंडों में व्यावसायिक और संस्थानिक निर्माण किया जा रहा है। वहीं इससे पहले ऐसे निर्माणों को सील किया जाता है। लेकिन अब इस छूट से लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। वह अपने भूखंड का भू-उपयोग परिवर्तन आसानी से करा सकेंगे। स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियो के अनुसार इस फैसले से जहां अवैध निर्माण पर अंकुश लगेगा। वहीं सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।


