
अब राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर ये खबर





जयपुर। कोरोना प्रकोप ने जहां आमजन को घरों में कैद रहने के लिए मजबूर किया है तो वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की उम्मीदें भी तोड़ी हैं। कोरोना प्रकोप के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को अब राजनीतिक नियुक्तियों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि सत्ता और संगठन की पहली प्राथमिकता फिलहाल कोरोना से निपटना है और जब तक हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाते हैं तब तक राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कोई चर्चा पार्टी में नहीं होगी।ऐसें पिछले डेढ़ साल से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसके लिए और इंतजार करना पड़ सकता है।
31 मार्च थी राजनीतिक नियुक्तियों की डेड लाइन
दरअसल राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों की उम्मीद लगाए बैठे थे। कांग्रेस नेताओं की तरफ से भी बार-बार फरमान जारी होता था कि विधानसभा में बेहतर परफोर्मेंस देने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाएगा।
उसके बाद लोकसभा और पंचायत चुनाव भी हुए लेकिन कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा नहीं मिला, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढऩे लगी, इसकी शिकायतें दिल्ली दरबार पहुंची तो कांग्रेस आलाकमान ने फरमान जारी कर दिया कि 31 मार्च तक राजनीतिक नियुक्तियां कर दी जाएं।कवायद शुरू भी हुई और जिला प्रभारी मंत्रियों को टास्क दिया गया कि वो 16 मार्च तक जिला स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों की लिस्ट तैयार कर सौंपे। 16 मार्च तक जिला प्रभारी मंत्रियों ने राजनीतिक नियुक्तियों की लिस्ट भी सौंप दी, लेकिन इसी बीच कोरोना प्रकोप के चलते सरकार उससे निपटने में व्यस्त हो गई और संगठन के स्तर पर भी सभी गतिविधियां ठप्प हो गई। कोरोना के चलते नगर निगम चुनाव भी स्थगित कर दिए गए।
15 हजार कार्यकर्ताओं को किया एडजस्ट
जानकारों की माने तो निगम, बोर्ड, आयोगों के साथ ही जिला स्तर पर गठित सरकारी समितियों में 15 हजार कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया जाना है। माना जा रहा है कि अब नगर निगम चुनाव के बाद ही राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद फिर से शुरू हो सकती है।


