अब नहीं चलेगा कोई बहाना, बदलेगा ढर्रा, बीकानेर आरटीओ को मिला 536 करोड़ का बड़ा टारगेट - Khulasa Online अब नहीं चलेगा कोई बहाना, बदलेगा ढर्रा, बीकानेर आरटीओ को मिला 536 करोड़ का बड़ा टारगेट - Khulasa Online

अब नहीं चलेगा कोई बहाना, बदलेगा ढर्रा, बीकानेर आरटीओ को मिला 536 करोड़ का बड़ा टारगेट

– संपादक कुशालसिंह मेड़तिया की रिपोर्ट
खुलासा न्यूज, बीकानेर। परिवहन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022 और 23 के लिए सभी आरटीओ और डीटीओ को राजस्व लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं, परिवहन विभाग ने पहली बार वन टाइम टैक्स और बगैर वन टाइम टैक्स का अलग अलग वर्गीकरण किया है। परिवहन विभाग राजस्व अर्जन के लिहाज से सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण विभाग है।
एक बार फिर बीकानेर आरटीओ को अधिक लक्ष्य दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों से बीकानेर आरटीओ टारगेट को पूरा नहीं कर पाया है । ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में बीकानेर आरटीओ के सामने 536 करोड के भारी-भरकम टारगेट को पूरा करना बड़ी चुनौती होगी। अब किसी भी तरीके की बहानेबाजी नहीं चलेगी। पिछले काफी सालों से आरटीओ और डीटीओ का ढर्रा यह है कि टारगेट के लिए जनवरी महीने से प्रयास किए जाते हैं। इसे लेकर बीते दिनों समीक्षा बैठक में परिवहन आयुक्त ने सभी आरटीओ और डीटीओ को निर्देश दिए थे कि जनवरी से मेहनत करने की जगह वित्तीय वर्ष की शुरुआत अप्रैल के महीने से ही टारगेट को पूरा करने के लिए मेहनत की जाए। ऐसे में अब आरटीओ जनवरी की बजाय मई से टारगेट पूरा करने जुटेगा। अगर इस वित्तीय वर्ष में भी बीकानेर आरटीओ 536 करोड़ के इस टारगेट को पूरा नहीं कर पाता है तो बीकानेर आरटीओ पर लूजर का टैग लगना तय है।

सात हजार करोड़ के भारी-भरकम टारगेट को पूरा करना बड़ी चुनौती
इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग के सामने सात हजार करोड़ के भारी-भरकम टारगेट को पूरा करना बड़ी चुनौती होगी। परिवहन आयुक्त के एल स्वामी की सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा राजस्व टारगेट को लेकर ही होगी। परिवहन विभाग में सभी आरटीओ और डीटीओ का ढर्रा यह है कि टारगेट के लिए जनवरी महीने से प्रयास किए जाते हैं। इसे लेकर बीते दिनों समीक्षा बैठक में परिवहन आयुक्त ने सभी आरटीओ और डीटीओ को निर्देश दिए थे कि जनवरी से मेहनत करने की जगह वित्तीय वर्ष की शुरुआत अप्रैल के महीने से ही टारगेट को पूरा करने के लिए मेहनत की जाए। मुख्यालय ने सभी आरटीओ और डीटीओ को वित्तीय वर्ष 2022 23 के लिए राजस्व लक्ष्य आवंटित कर दिए गए हैं। राजस्व लक्ष्य आवंटित करने में परिवहन विभाग ने इस बार एक बड़ा बदलाव किया है। विभाग ने वन टाइम टैक्स और बगैर वन टाइम टैक्स को इस बार अलग-अलग वर्गीकृत किया है,ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अधिकतर आरटीओ और डीटीओ यह बहाना बनाते हैं कि वाहनों की बिक्री नहीं होने से उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। परिवहन विभाग अब हर महीने जो रैंकिंग तैयार करेगा वह बिना वन टाइम टैक्स के प्रदर्शन के आधार पर की जाएगी। इससे फील्ड में वास्तविक रूप से मेहनत करने वाले आरटीओ और बेटी हुई रैंकिंग में ऊपर आ सकेंगे। परिवहन मुख्यालय ने सभी आरटीओ और डीटीओ को जो राजस्व लक्ष्य आवंटित किए है।

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