
अब डिजिटल मीडिया भी कंट्रोल करेगी सरकार





जयपुर। देश में मीडिया के पंजीकरण के नए कानून में पहली बार डिजिटल मीडिया को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। डिजिटल मीडिया अभी तक किसी भी सरकारी नियमन का हिस्सा नहीं है। सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियोडिकल्स बिल में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके दायरे में डिजिटल मीडिया के समाचारों को भी शामिल किया है।
इस बिल की मंजूरी के बाद डिजिटल न्यूज साइट्स को नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा। इसमें पंजीकरण को रद्द किए जाने और जुर्माना शामिल है। कानून लागू होने के 90 दिन में डिजिटल समाचार प्रकाशकों को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। उन्हें प्रेस रजिस्ट्रार जनरल में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
इस बिल को लेकर बताया जा रहा है कि भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष के साथ एक और भी अपीलीय बोर्ड की योजना बनाई है। ऐसे में किसी प्रकरण में अब सही निर्णय लिया जा सके। इसे भी सुनिश्चित किया जाएगा। गौरतलब है कि डिजिटल मीडिया अभी सरकार की नियंत्रण से बाहर है। ऐसे में यह भी तय होने जा रहा है कि सरकार इन प्लेटफार्म को विज्ञापन भी जारी करेगी।
ब्रिटिश जमाने के कानून के बदले…
रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रेस एंड पीरियोडिकल्स बिल ब्रिटिश जमाने के प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट 1867 का स्थान लेगा, जो देश में समाचार पत्र और प्रिंटिंग प्रेस को नियंत्रित करता है।
तीन साल पहले भी हुई थी कोशिश
सूत्रों के मुताबिक बिल को फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य हितधारकों की हरी झंडी नहीं मिली है। तीन साल पहले केंद्र के इसी तरह के मसौदा बिल पर काफी हंगामा हुआ था। उसे डिजिटल समाचार मीडिया को नियंत्रित करने के प्रयास के तौर पर देखा गया था।


