
अब डेंगू का ख़ौफ़ : बीकानेर में बढ़ रहे हैं डेंगू के रोगी, डॉक्टर वर्मा बोले- तेज बुखार होने पर कोरोना के साथ डेंगू की भी जांच कराएं





– संपादक कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । बीकानेर में अब डेंगू ने दस्तक दे दी है। अधिकांश डिस्पेंसरी में डेंगू के रोगी सामने आ रहे हैं, जिसके बाद चिकित्सा विभाग सतर्क हो गया है। निजी अस्पतालों में भी डेंगू रोगी बढ़ गए हैं। बीकानेर के मुरलीधर व्यास नगर जस्सूसर गेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में डेंगू के रोगी सामने आए हैं।
पी॰बी॰एम॰ के सीनियर डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि हर रोज डेंगू के नए रोगी सामने आ रहे हैं। इसमें अधिकांश के प्लेटलेट्स कम होते हैं। वहीं, कुछ रोगी तेज बुखार से ग्रसित है।
क्या है लक्षण
पी॰बी॰एम॰ के सीनियर डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि तेज बुखार और सिरदर्द ही डेंगू का मुख्य लक्षण है। चिकित्सकों की सलाह है कि ऐसे रोगियों को डेंगू की जांच भी करवानी चाहिए। प्लेटलेट्स कम होने पर डेंगू जानलेवा साबित हो सकता है, ऐसे में सतर्कता आवश्यक है। डेंगू में आंखों में दर्द, उल्टी, जी घबराने जैसी शिकायत रहती है।
सभी सरकारी कार्यालयों, भवनों-परिसरो से होगा मच्छरों का सफाया
डेंगू रोधी विशेष अभियान के अंतर्गत मंगलवार को जिले के समस्त सरकारी कार्यालयों, भवनों व परिसरों से मच्छरों का सफाया किया जाएगा। प्रत्येक परिसर में एंटी लारवा व एंटी एडल्ट गतिविधियों का संपादन कार्यालय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष व परिसर प्रबंधक की देखरेख में किया जाएगा। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल द्वारा इस संबंध में समस्त कार्यालय अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया बीमारियों के फैलाव के पीछे एडीज व एनाफिलीज जैसे मच्छर होते हैं जिनका प्रजनन ठहरे हुए पानी में होता है। वर्षा ऋतु के ठीक बाद मच्छरों की तादाद में एकदम से वृद्धि हो जाती है और इन से फैलने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसे देखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा डेंगू रोधी अभियान के अंतर्गतत मंगलवार को समस्त सरकारी परिसरों से मच्छरों की फैक्ट्रियों का समूल नाश करने का अभियान चलाया जा रहा है। डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि आदिनांक जिले में डेंगू के मात्र 21 तथा मलेरिया का एक केस ही सामने आए हैं परंतु यह संख्या कभी भी बढ़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए मच्छरों की रोकथाम अति आवश्यक हो गई है। विशेष अभियान के अंतर्गत समस्त सरकारी परिसरों से पानी की टंकियों, कूलर, पक्षियों के परिंडे, छोटे, छोटे बड़े गड्ढे तथा छत आदि में रुके हुए पानी को साफ किया जाएगा। पानी की टंकियों को चेक करके उसमें टेमीफोस अथवा खाने क तेल डाला जाएगा। मच्छर रोधी स्प्रे, फास्ट कार्ड आदि का उपयोग किया जाएगा। समस्त अनुभाग प्रभारियों को उनके अनुभाग मे मच्छरों की रोकथाम कर लिर पाबंद किया जाएगा।


