अब एक महीने तक नहीं सुनाई देगी शहनाई की गूंज

अब एक महीने तक नहीं सुनाई देगी शहनाई की गूंज

बीकानेर। देव उठनी एकादशी से प्रारंभ हुए विवाह एवं मांगलिक कार्यक्रमों का दौर अब एक महीने के लिए थमेगा। मलमास में विवाह एवं मांगलिक कार्यक्रम निषेध रहेंगे। इस बार 16 दिसंबर से मलमास प्रारंभ होगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर मलमास की पूर्णाहुति होगी। 14 जनवरी के बाद विवाह एवं मांगलिक कार्यक्रमों के आयोजन होंगे व एक बार फिर से शहनाइयां गूंजेगी। 13 दिसंबर को श्रेष्ठ मुहूर्त में विवाह कार्यक्रम होंगे।
ज्योतिष शास्त्र अनुसार सूर्य मेषादि बारह राशियों में भ्रमण करते-करते जब गुरु की राशि धनु राशि में प्रवेश करता है, उस दिन से मलमास (खर मास) प्रारंभ होगा। इस बार धनु राशि में सूर्य 16 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 58 बजे प्रवेश करेगा। इस समय से मलमास प्रारंभ होगा।
शुभ कर्म रहेंगे निषेध
मलमास के दौरान मांगलिक कार्य, विवाह, यज्ञोपवीत, मुंडन, गृह प्रवेश, नींव रखना,नए व्यापार, प्रतिष्ठान आदि का मुहूर्त एवं देव प्रतिष्ठा आदि कर्म वर्जित रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र अनुसार ये सभी शुभकर्म इस समय में सम्पन्न नहीं होंगे। सभी शुभ कर्म निषेध होते हुए भी नामकरण संस्कार नक्षत्र शांति कर्म किए जा सकते है।
इन तारीखों को गूंजेगी शहनाइयां
मलमास की पूर्णाहुति के बाद जनवरी और फरवरी में विभिन्न श्रेष्ठ मुहूर्तो में विवाह कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। जनवरी में 25 और 26 जनवरी विवाह के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है। इसी प्रकार फरवरी में 6, 9, 15 और 22 फरवरी विवाह के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है।
होंगे दान-पुण्य व धार्मिक अनुष्ठान
मलमास में दान-पुण्य और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। शहर में तिल, गुड और मूंगफली से बनी खाद्य वस्तुओं के दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति पर घेवर, फीणी, तिल पट्टी, तिल लड्डू, रेवड़ी, गजक, खजूर आदि के दान-पुण्य की विशेष परम्परा है। तेल से बनी खाद्य वस्तुओं का भी दान-पुण्य किया जाता है। घरों व मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान होंगे।

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