सरकार को अब आया ध्यान, हजारों शिक्षक व कार्मिक सेवाएं दे रहे अन्य विभागों में, वेतन उठाते है शिक्षा विभाग से - Khulasa Online सरकार को अब आया ध्यान, हजारों शिक्षक व कार्मिक सेवाएं दे रहे अन्य विभागों में, वेतन उठाते है शिक्षा विभाग से - Khulasa Online

सरकार को अब आया ध्यान, हजारों शिक्षक व कार्मिक सेवाएं दे रहे अन्य विभागों में, वेतन उठाते है शिक्षा विभाग से

बीकानेर. प्रदेश सहित बीकानेर में हजारों शिक्षक व कार्मिक कहने को तो शिक्षा विभाग के है, लेकिन अपनी सेवाएं दूसरे विभागों में दे रहे है। साथ ही ये कार्मिक व शिक्षक वेतन भी शिक्षा विभाग से उठाते है। ऐसे में शिक्षा विभाग में कार्य का ढर्रा बिगड़ गया है। पिछले कई वर्षो से यह कार्मिक व शिक्षक अन्य विभागों में सेवाएं दे रहे है। मजे की बात है कि सरकार के ध्यान में अब ही आया है। इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने एक परिपत्र जारी किया है। जिसमें शिक्षा विभाग के विभिन्न शिक्षकों/कार्मिकों को संभाग, राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर कतिपय कार्यालयोंं यानि संभागीय कार्यालय, जिला कलक्टर, जिला परिषद्, उपखण्ड कार्यालय,पंचायत समिति, तहसील व अन्य विभागीय कार्यालयों में कार्य व्यवस्था के अंतर्गत लगाया हुआ है। ये कार्मिक व शिखक अपनी सेवाएं शिक्षा विभाग की जगह अन्य कार्यालयों में दे रहे है। जबकि वेतन शिक्षा विभाग की विभिन्न स्कूलों/कार्यालयों से उठा रहे है। ऐसे में सरकार को अब पता चला है कि विभिन्न शिकायतों/विधानसभा प्रश्नों/ध्यानाकर्षण/स्थगन प्रस्तावों आदि के माध्यम से स्थिति पर गंभीर नाराजगी जताई गई। आदेश में बताया कि दस वर्षीय जनगणना, आपदा प्रबंधन, चुनाव कार्यो, पल्स पोलियो अभियान आदि के लिए भी शिक्षकों की सेवाएं ली जाती है, लेकिन इस तरह के कार्यो के सम्पन्न होने के बाद भी शिक्षक/कार्मिकों को उनके मूल पदस्थापन के लिए कार्यमुक्त नहीं किया जाता है। जो नितांत अस्वीकार्य है। परिपत्र में बताया कि 21 जून 2019, 6 सितंबर 2019 सहित अन्य निर्देशों के बाद भी शिक्षकों/कार्मिकों के मूल पदस्थापन वाले विद्यालयों/कार्यालयों के लिए कार्यमुक्त नहीं होने के कारण इस विभाग की ओर से जारी अन्य विभागों में लगे हुए है, लेकिन कार्याव्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर बिना कार्यमुक्त हुए अपने मूल पदस्थापन पर कार्यग्रहण करने के लिए निर्देश किया गया था, लेकिन इन निर्देशों का पालना भी नहीं की गई और ये कार्मिक आज भी अन्य विभागों में लगे हुए है। ऐसे में सभी कार्मिकों की कार्यव्यवस्था/प्रतिनियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर उक्त कार्मिकों को बिना कार्यमुक्त हुए ही अपने मूल पदस्थापन स्थान पर कार्यग्रहण के लिए निर्देश करें तथा उक्त सभी कार्मिकों की मूल पदस्थापन स्थान पर कार्यग्रहण की सूचना अविलम्ब भेजें। परिपत्र में बताया कि यदि कार्यव्यवस्था/प्रतिनियुक्ति पर लगाया जाना आवश्यक हो तो राज्य सरकार को प्रस्ताव प्रेषित कर अनुमति प्राप्त कर लगाया जावें।

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