
अब गायों से लंपी स्किन बीमारी हिरणों में फैली, अब तक 25 हिरणों की मौत





बाड़मेर। कातरला रेस्क्यू सेंटर में 135 हिरण थे इसमें से 25 की मौत 110 बचे है। इसमें 7 बीमारी से ग्रसित। बाड़मेर में लंपी स्किन डिजीज अनकंट्रोल होती जा रही है। हजारों गोवंश की मौत हो चुकी है। अब गोवंश के बाद वन्य जीवों में भी तेजी से फैल रहा है। जिले के धोरीमन्ना कातरला रेस्क्यू सेंटर में 25 से ज्यादा हिरण की बीमारी से मौत हो चुकी है। रेस्क्यू सेंटर अथक प्रयास के बाद भी हिरण को बचा नहीं पा रहे है। संस्थान का कहना है कि प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है।
दरअसल, जिले के धोरीमन्ना नेशनल हाइवे पर ढाई साल पहले वन्य जीवों को बचाने के लिए अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान कातरला की शुरूआत हुई थी। रेस्क्यू कर वन्य जीवों को बचाया जाता है। साथ ही आवारा पशुओं से वन्य जीवों को बचाकर व बीमार जीवों को रखा जाता है। संस्थान में 130-35 हिरण थे। इसमें 35 हिरण लंपी स्किन बीमारी से ग्रस्ति हो गए। 25 हिरण की मौत हो चुकी है।
संस्थान के किशोर भादू का कहना है कि पिछले डेढ़ माह से हिरणों में लंपी स्किन के लक्षण दिख रहे है। हमारे रेस्क्यू सेंटर में 130-35 हिरण थे, जिसमें 35-40 हिरणों को लंपी के लक्षण थे, अब तक एक माह में 25 हिरणों की मौत हो चुकी है। 7-8 हिरण अभी भी लंपी ग्रसित है। पैरों में सूजन के बाद कीड़े पडऩा, आंखों व शरीर पर गांठें बन फूटना, नाक में पानी पहना सहित कई लक्षण है।
सात हिरण लंपी स्किन की बीमारी से ग्रसित है
संस्थान में वर्तमान में 110 के आसपास हिरण बचे है। हिरण के अलावा संस्थान में कबूतर, नील गाय, खरगोश, मोर भी है। यहां वर्तमान में 7 हिरण लंपी स्किन की बीमारी से ग्रसित है। इलाज के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। रेस्क्यू संस्थान के लोग अपने स्तर पर हिरणों का इलाज करवा रहे है।
हिरणों में लंपी स्किन ये लक्षण
हिरण में भी लंपी स्किन बीमारी के लक्षण गोवंश जैसे ही है। पैरा में सूजन, शरीपर गांठे, आंखो के नीचे गांठ, कीड़े पडऩा, नाक में पानी बहना यह हिरण में लक्षण देखने को मिले है। ग्रामीण इलाकों में घूम रहे हिरण भी इस बीमारी ग्रसित हुए है।


