
अब बच्चों की रिपोर्टिंग होगी ऑनलाइन,बदल रही है प्रवेश प्रक्रिया





जयपुर। निशुल्क शिक्षा का अधिकार कानून यानी आरटीई से प्रवेश प्रक्रिया में शिक्षा विभाग ने बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। नए शिक्षा सत्र में आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा जिसके बाद अभिभावकों को एडमिशन के लिए बार बर स्कूल चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। निजी स्कूलों में विद्यार्थियों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग होगी। शिक्षा विभाग एडमिशन प्रक्रिया में बदलाव को अंतिम रू प दिया जा रहा है और जल्द ही इसकी गाइडलाइन जारी की जाएगी।प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव के बाद एक अभिभावक अधिकतम 5 स्कूल ही चुन सकेगा। चुने हुए स्कूल में रिपोर्टिंग भी ऑनलाइन करनी होगी। ऑनलाइन रिपोर्टिंग के समय अभिभावकों डॉक्यूमेंट्स की प्रतिलिपियां पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। डॉक्यूमेंट्स की वैधता और ऑनलाइन आवेदन में दी गई जानकारी से डॉक्यूमेंट्स के मिलान के आधार पर आवेदन स्वीकार या निरस्त किया जा सकेगा। यदि किसी डॉक्यूमेंट्समें नियम के अनुसार सुधार की गुंजाइश होगी, तो विभाग की ओर से निर्धारित अवधि में अभिभावक पुन: डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर सकेंगे। वर्तमान में अभिभावक अधिकतम 15 स्कूलों में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आधार कार्ड सत्यापन के बाद ही आवेदन कर सकेंगे
गौरतलब है कि राज्य के 31038 प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए 2020-21 में 8,39,947 आवेदन आए थे। ऑनलाइन लॉटरी के जरिए वरीयता क्रम निर्धारित होने के बाद करीब 1.10 लाख विद्यार्थियों का निशुल्क प्रवेश के लिए चयन किया गया लेकिन कोविड के कारण स्कूल बंद हो गए और बच्चे स्कूल नहीं जा सके।
आधार वेरिफिकेशन जरूरी
इस बार भी बिना आधार कार्ड आरटीई में प्रवेश संभव नहीं हो सकेगा। आधार कार्ड वेरिफिकेशन के बाद ही अभिभावक ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा। आधार कार्ड वेरिफिकेशन के लिए एनआईसी पोर्टल पर व्यवस्था रहेगी। इसमें कैचमेंट एरिया में नजदीकी स्कूल के 5 ऑप्शन खुलेंगे। पहले ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद दस्तावेजों को अपलोड करने और वैधता की जांच की प्रक्रिया शुरू हो जा एगी।
पहले आय सीमा भी बढ़ा चुकी है सरकार
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत स्कूलों में अपने बच्चों को एडमिशन दिलवाने की चाह रखने वाले अभिभावकों के लिए सरकार लगातार नियमों में बदलाव कर रही है। इससे पूर्व सरकार ने पैरेंट्स की वार्षिक आय की अधिकतम सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया था। आय सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया गया था। सरकार का मानना था कि एक्ट के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए अभिभावकों की आय सीमा एक लाख रुपए होने से जरूरतमंद परिवारों के बर्चे गैर सरकारी स्कूलों में शिक्षा से वंचित रह जाते थे, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की बैठक में इसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया था।


