
बीकानेर से इस हाइवे के बीच अब बाईपास बनाने की तैयारी, पढ़ें पूरी खबर





बीकानेर से इस हाइवे के बीच अब बाईपास बनाने की तैयारी, पढ़ें पूरी खबर
बीकानेर। विवादों में आए देशनोक आरओबी के समाधान के लिए अब कई विकल्पों पर चर्चा शुरू हो गई है। पीडब्ल्यूडी विभाग इस आरओबी के बगल में दूसरा आरओबी बनाने की जगह बीकानेर-नागौर हाइवे के तहत बाईपास बनाने की तैयारी में है। 45 मीटर सरकारी जगह है जिसका उपयोग करने के लिए अब विभाग बाईपास बनाएगा। डीपीआर में इसका जिक्र हो रहा है और सरकार स्तर से अधिकारी भी इसी बात पर जोर दे रहे हैं। दरअसल बीकानेर-नागौर हाई-वे को फोर लेन करने की तैयारी है। क्योंकि इस रोड पर एक्सीडेंट बहुत हो रहे इसलिए यहां डिवाइडर बनाने की मांग भी तेजी से उठ रही है। ऐसे में जिस फर्म को इस हाई-वे की डीपीआर बनाने के लिए कहा गया उससे अब विभाग सलाह मशविरा कर रहा है।5 जून को एक टीम यहां भी आएगी। वो मुआयना करेगी कि आखिर ऐसा क्या क्या किया जाए जिससे एक्सीडेंट न हों। इसमें दो प्रमुख बातों पर ध्यान दिया जा रहा है। पहला देशनोक में बाईपास बने। बीकानेर नागौर के बीच जितने भी कस्बे आ रहे उन सबमें बाईपास हो। दूसरा हाइवे के बीच डिवाइडर हो क्योंकि डिवाइडर न होने से सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। हालांकि डीपीआर में इन दोनों बातों को शामिल करने के लिए कहा है मगर अंतिम निर्णय होना अभी भी बाकी है।
पीडब्ल्यूडी का तर्क है कि शासन चाहता है कि जब विभाग की 45 मीटर जगह पड़ी है तो उसका उपयोग बाईपास बनाने के लिए किया जाए। ^मेरी कोशिश है कि पलाना रोड से जैसलमेर हाई-वे के बीच एक बड़ी रोड बने ताकि शहर के आसपास एक रिंग रोड जैसा बने। इसके अलावा देशनोक-पलाना समेत सब जगह से बीकानेर-नागौर हाइवे का बाईपास निकले। वर्तमान में बीकानेर के आसपास तीन साइड में हाई वे बने हैं। श्रीगंगानगर बाईपास से जयपुर-जोधपुर बाईपास, वहां से नागौर रोड तक बाईपास और श्रीगंगानगर बाईपास से जैसलमेर हाई वे तक। मगर जैसलमेर हाइवे नागौर हाइवे तक कोई सड़क या लिंक नहीं है। पीडब्ल्यूडी अब इस रोड से जैसलमेर तक एक फोर लेन सड़क बनाने की तैयारी में है।


