
अब ओटीपी से मिलेगा राशन,बंदियों के मुलाकात पर प्रतिबंध,मेला स्थगित






बीकानेर। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने व्यवस्थाओं में बदलाव किये है। वहीं धार्मिक स्थलों पर भी भीड़ से बचने के लिये मंदिरों को बंद करने के साथ साथ धार्मिक आयोजिनों को भी स्थगित किया जा रहा है। तो जेल में बंद कैदियों से उनके परिजनों को मिलने पर भी रोक लगा दी गई है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के कारण संदिग्धों की संख्या का आंकड़ा निरन्तर बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।
राशन वितरण में बॉयोमैट्रिक व्यवस्था में बदलाव
उधर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने एक आदेश जारी कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत पोश मशीन से रशन वितरण व्यवस्था में अब बॉयोमैट्रिक की जगह ओटीपी से राशन बांटने की व्यवस्था लागू की गई है। शासन सचिव सिद्वार्थ महाजन ने 31 मार्च तक इस प्रकार की व्यवस्था करने दिशा निर्देश दिए है। इसके तहत डीलर द्वारा लाभार्थी का राशन कार्ड नंबर पोस मशीन पर प्रविष्ट कर लाभार्थी के भामाशाह/जनआधार/आधार कार्ड में उपलब्ध मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से ओटीपी भेजा जाएगा। लाभार्थी को डीलर ओटीपी उपलब्ध करवाने के बाद पोस मशीन में ओटीपी नंबर दर्ज कर सत्यापन के उपरान्त ही राशन दिया जाएगा। यदि लाभार्थी को ओटीपी प्राप्त नहीं होता है अथवा मोबाइल नंबर रजिस्ट्रर नहीं है या लाभार्थी के पास मोबाइल ही नहीं होने की स्थिति में पोस मशीन से ही राशन देने की व्यवस्था की जाएगी।
बंदियों के मुलाकात पर भी लगा प्रतिबंध
वहीं प्रदेश की जेलों में भी तमाम बंदियों के मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसी व्यवस्था आगामी सात दिनों तक रहेगी। जेल में एतिहात के तौर पर डीजी जेल एन के आर रेड्डी ने इस बाबत आदेश निकाले है।
मेला स्थगित
कोरोना वायरस के देखते हुए जहां प्रदेश के अनेक मंदिरों को बंद कर दिया गया है तो विश्व प्रसिद्व रामदेव मंदिर भी दो घंटे के लिये खुलेगा। साथ विश्नोई समाज ने भी जांबा मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया है। अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के कुलदीप विश्नोई ने ट्वीटर के जरिये यह संदेश दिया है कि 24 मार्च को होने वाले समाज के मेले को स्थगित कर दिया जाएं।
जूनागढ़ भी बंद
इधर बीकानेर के ऐतिहासिक जूनागढ़ किले को भी देशी-विदेशी पर्यटकों के लिये बंद कर दिया गया है। हालांकि बुधवार को देखते हुए सुबह दर्शन करने आने वाले श्रद्वालुओं की स्क्रीनिंग की गई। किन्तु ऐतिहात के तौर पर गढ़ के संचालकों ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है।


