
अब ‘संजय की नजर में रहेंगे जेल कैदी






अब एक क्लिक पर खुलेगा कैदियों के अपराध का काला चिट्ठा
जयपुर। राजस्थान की जेलों में बंद कैदियों के अपराध का काला चि_ा खोजने के लिए फाइलें नहीं खंगालनी पड़ेंगी। एक क्लिक पर कैदियों की कुंडली ऑनलाइन सामने है। देश में राजस्थान ऐसा राज्य बना है, जिसने चार माह में ऑपरेशन ‘संजयÓ के तहत इस व्यवस्था को लागू किया है। इस दौरान राजस्थान की सभी जेलों में बंद रह चुके करीब 6.50 लाख बंदियों का विवरण ऑनलाइन किया गया।
वर्तमान में 25 हजार बंदी प्रदेश की जेलों में बंद हैं। डीआइजी विकास कुमार ने बताया कि जेलकर्मी करतार और उदय की कड़ी मेहनत से देश में राजस्थान ऑनलाइन व्यवस्था करने वाला पहला राज्य बना है। अब राजस्थान की जेल में बंद बंदियों की कुंडली केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सर्वर से जुड़ गई है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ऑनलाइन राजस्थान के बंदियों की जानकारी ले सकता है। इस पूरी व्यवस्था को लागू करने में 5 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है।
प्रदेश में 119 जेल
प्रदेश में केन्द्रीय कारागार, जिला कारागार, हाईसिक्योरिटी, सब जेल, महिला जेल और खुली जेल सभी मिलाकर 119 हैं। इन सभी का डेटा ऑनलाइन किया गया है। प्रशासन ने बंदियों का ही नहीं बल्कि बंदियों से मिलने आने वाले 5.50 लाख लोगों का विवरण भी ऑनलाइन किया है।
सभी जेलों को इंटरनेट से जोड़ा
ऑनलाइन व्यवस्था के लिए पांच चरणों में बंदियों का डेटा ऑनलाइन करने का काम किया गया। सबसे पहले सभी जेलों को इंटरनेट से जोड़ा गया। फिर उपकरणों के साथ हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर लगाया गया। सभी जेलों को आइटी का पासवर्ड दिया गया। फिर सभी जेलों में स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। जेल में बंदी के आने और उसके द्वारा किए गए अपराध की जानकारी होगी। बंदी की पेशी कब है, उसे जमानत कब मिली या फिर उसे सजा कब सुनाई गई और कब तक जेल में बंद रहेगा। बंदी से कौन मिलने आ रहा है। बंदी बीमार है तो उसके इलाज की जानकारी भी ऑनलाइन है।
आमजन नहीं देख सकेंगे
कैदियों की ऑनलाइन कुंडली आमजन नहीं देख सकेंगे। इसे देखने के लिए संबंधित जेल अधिकारियों और केन्द्रीय सरकार के गृह विभाग के संबंधित अधिकारियों के पास पासवर्ड होगा, जबकि जेल में बंद कैदियों को उनके कोड के मुताबिक ही नंबर दिया जाएगा।


