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अब छोटे भूखंडों पर बन सकेंगे अधिक ऊंचे मकान

— कोरोना को देखते हुए भवन विनियमों में किए गए परिवर्तन
— भवन विनियम 2020 के प्रारूप को मिली मंजूरी, जल्द जारी होगी अधिसूचना
जयपुर। कोविड—19 के चलते सरकार ने भवन निर्माण स्वीकृति प्रक्रिया के प्रावधानों को सरल कर दिया है। अब छोटे भू-खण्डों पर जी प्लस वन के बजाय जी प्लस टू या अधिक निर्माण की अनुमति मिल सकेगी। वहीं 500 वर्गमीटर तक के भूखण्डों पर मकान बनाने के लिए मानचित्र अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी। 2500 वर्गमीटर तक के समस्त भू-उपयोग के भूखण्डों के लिए जेडीए और नगर निगमों या अन्य नगरीय निकायों के चक्कर नहीं काटने पडेंगे। आर्किटेक्ट 18 मीटर तक ऊंचाई के भवन बनाने की अनुमति दे सकेंगे।चिकित्सा सुविधाएं विकसित करने वालों को अब पार्किंग एरिया में भी छूट मिल सकेगी।नगरीय विकास, आवासन व स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में सचिवालय में  एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें राजस्थान नगरीय क्षेत्र में भवन विनियम 2020 के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। अब जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। सरकार ने कोविड-19 का प्रभाव का कारण आवासों में प्रतिव्यक्ति निर्मित क्षेत्र न्यूनतम औसत से भी कम होना माना है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि सामान्य स्वास्थ्य की दृष्टि से न्यूनतम प्रति व्यक्ति निर्मित क्षेत्रफल 9.5 वर्ग मीटर होना आवश्यक है, जबकि शहरों में करीब 60 प्रतिशत आवासों में 2.0 वर्गमीटर से 8.0 वर्गमीटर निर्मित क्षेत्र प्रति व्यक्ति ही उपलब्ध है, जिससे सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं हो पा रही है। अब सरकार ने छोटे भूखंडों को भूतल प्लस एक मंजिला की जगह भूतल प्लस देा मंजिला या अधिक की छूट दी है, यानी छोटे भूखण्डधारियों को अधिक निर्मित क्षेत्र उपलब्ध हो सकेगा।
चिकित्सालयों को पार्किंग में छूट
चिकित्सा सुविधाएं विकसित करने वालों को अब पार्किंग एरिया में भी छूट मिल सकेंगी, यानी उन्हें निर्मित क्षेत्र का 175 स्वायर मीटर पार्किंग एरिया छोटने की जगह अब सिर्फ करीब 115 स्कायर मीटर पार्किंग एरिया छोडने की जरूरत होगी। वहीं अन्य रियायतें भी देने के प्रावधान किए गए है।

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