अब बच्चों में संक्रमण की चिंता: सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए खतरनाक

अब बच्चों में संक्रमण की चिंता: सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए खतरनाक

देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी हल्की भी नहीं पड़ी है कि तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है। सबसे बड़ी फिक्र इस बात को लेकर है कि इस बार बच्चों पर ज्यादा असर पड़ने की आशंका है। ये बात एक्सपर्ट कह चुके हैं।

उधर, सिंगापुर में कोरोना का जो नया स्ट्रेन आया है, उससे वहां बच्चे ही सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि बच्चों के लिए वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता से काम किया जाए। केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर कहा है कि सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है।

सिंगापुर में इस स्ट्रेन ने बढ़ाई चिंता
सिंगापुर में इस वक्त कोरोना का B.1.617 स्ट्रेन फैल रहा है। यह वही स्ट्रेन है जो पिछले साल अक्टूबर में सबसे पहले भारत में सामने आया था और यहां कोरोना की दूसरी लहर में इसी स्ट्रेन की वजह से संक्रमण ज्यादा फैल रहा है।

B.1.617 बच्चों के कितना खतरनाक, यह अभी साफ नहीं
सिंगापुर में फैल रहा कोरोना का स्ट्रेन B.1.617 बच्चों के कितना खतरनाक है, यह अभी साफ नहीं है। सिंगापुर के हेल्थ मिनिस्टर ऑन्ग ये कुंग ने रविवार को बताया कि B.1.617 स्ट्रेन बच्चों को ज्यादा संक्रमित कर रहा है। सिंगापुर में रविवार को कोरोना के 38 नए मामले सामने आए। यह मिड सितंबर के बाद एक दिन में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इनमें एक ट्यूशन सेंटर के कई बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, कुंग ने बताया कि कोई भी बच्चा गंभीर रूप से बीमार नहीं है।

बच्चों में संक्रमण बढ़ने की वजह से सिंगापुर में बुधवार से प्राइमरी सेकेंडरी स्कूल और जूनियर कॉलेज बंद किए जा रहे हैं। बच्चों को घर पर ही वर्चुअली पढ़ाई करवाई जाएगी। सिंगापुर के शिक्षा मंत्री चान चुन सिंग का कहना है कि सरकार 16 साल तक के छात्रों के वैक्सीनेशन की योजना भी बना रही है।

भारत में क्या असर हो सकता है?
वैसे तो B.1.617 वैरिएंट भारत में पहले से ही फैल चुका है। लेकिन, अब इसके वंश का कोई ऐसा स्ट्रेन फैलता है जो कि बच्चों को ज्यादा संक्रमित करे तो स्थिति गंभीर हो सकती है। क्योंकि भारत में बच्चों के लिए अभी कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है। दूसरी तरफ एक्सपर्ट पहले ही कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है।

सिंगापुर और भारत के बीच रिस्ट्रेक्शंस
सिंगापुर सरकार ने सभी ऐसे लॉन्ग टर्म पास होल्डर्स और शॉर्ट-टर्म विजिटर्स पर अपने देश में आने पर रोक लगा रखी है, जो पिछले 14 दिनों के भीतर भारत गए हों। ये आदेश इसी साल 24 अप्रैल को लागू हुआ है। उधर, भारत ने पिछले साल 23 मार्च से ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इस आदेश के दायरे से कार्गो फ्लाइट्स और उन विशेष फ्लाइट्स को बाहर रखा गया है, जिन्हें डीजीसीए ने मंजूरी दी है। ये रोक 31 मई तक बढ़ाई गई है। सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में भारत से करीब 30 लाख यात्री सिंगापुर गए थे। 2018 में ये आंकड़ा 47 लाख से ज्यादा था।

भारत का 27 देशों से बायोबबल कॉन्ट्रैक्ट
भारत ने 27 देशों से बायोबबल कॉन्ट्रैक्ट किया है। इसके तहत एयर पैसेंजर्स सफर कर सकते हैं। इन देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, जापान, भूटान, इथोपिया, जर्मनी, ओमान, कनाडा, इराक, फ्रांस, केन्या, कुवैत, नेपाल, नाइजीरिया, कतर, नीदरलैंड, रवांडा, ब्रिटेन, सेशेल्स, तंजानिया, यूक्रेन, यूएई, मालदीव, उज्बेकिस्तान और अमेरिका शामिल है।

Join Whatsapp 26