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छह निजी स्कूलों की एनओसी रद्द, मान्यता निरस्त की अनुशंसा 

बीकानेर| निजी स्कूलों की मनमानी व अनियमितताएं सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के छह निजी स्कूलों से एनओसी वापस लेने और मान्यता निरस्त करने संबंधी आदेश जारी किए है। इनमें जो स्कूल सीबीएसई से सम्बद्ध है उनकी एनओसी वापस लेकर मान्यता रद्द करने के लिए सीबीएसई को पत्र भेजा गया है।शिक्षा निदेशालय की ओर से गठित कमेटी ने मई से अब तक प्रदेश के उन स्कूलों की जांच की जिनकी शिकायतें मिली थी। जांच में १९ स्कूलों में अनियमितता सामने आई है। इनमें हर साल मनमाने तौर पर फीस बढ़ाने, समय पर विद्यार्थियों को टीसी नहीं देने तथा स्कूल परिसर में स्टेशनरी के नाम पर वसूली करने के आरोप प्रमाणित हुए है। जांच रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय ने छह एेसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई शुरू राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त की मान्यता निरस्त करने और सीबीएसई से संबद्ध स्कूल की एनओसी वापस लेकर मान्यता रद्द करने के लिए सीबीएसई को पत्र भेजा है। शेष १३ स्कूलों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।

नियमों में नहीं आता विकास शुल्क
निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि निजी स्कूलों की ओर से अगर विकास शुल्क के नाम पर रुपए लिए जा रहे हैं तो यह गलत है। अगर कोई निजी स्कूल परिसर में कोई सुविधा बढ़ाई जाती है तो इसका वहन स्कूल प्रशासन को अपने स्तर पर करना होगा। वह बच्चों की फीस के साथ जोड़कर विकास शुल्क नहीं वसूल सकता है।

इन स्कूलों पर कार्रवाई
सेंट एनसल्म मानसरोवर, जयपुर

कृष्णा चिल्ड्रन एकेडमी करौली

आदर्श भास्कर स्कूल, कोटा

अंकुर एज्यूकेशन सोसायटी नाथद्वारा, राजसमंद

दिशा एकेडमी, दौसा

आर्य शिक्षा निकेतन, सीकर

बीकानेर-जयपुर में सबसे अधिक

निदेशालय के अधिकारियों व डीईओ की गठित कमेटी ने जांच में जिन स्कूलों में भारी अनियमितताएं पकड़ी उनमें सबसे अधिक राजधानी जयपुर और बीकानेर के स्कूल है। इनमें बीकानेर व जयपुर के ७-७, सवाईमाधोपुर, श्रीमाधोपुर व दौसा का एक-एक और श्रीगंगानगर के २ स्कूल शामिल हैं।
स्कूलों में ये मिली अनियमितताएं
निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि निजी स्कूलों की जांच में कई अनियमितताएं पाई गई है। जिसमें हर साल निजी स्कूलों की मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने, स्कूल परिसर में ही अवैध रूप से किताबें व कॉपियों तथा ड्रेस के लिए दुकान खोलने या वसूली करने तथा समय पर टीसी नहीं देने आदि अनियमितताएं पाई गई।

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