
पाकिस्तानी फैंस कितना भी ट्रोल करें IPL ही बेस्ट:रजा बोले- भारत में उम्मीद से ज्यादा प्यार मिला






जिम्बाब्वे के ऑलराउंडर सिकंदर रजा ने कहा है कि IPL दुनिया की बेस्ट लीग है, इसमें मुझे किसी तरह का कोई झूठ नहीं लगता है।
ILT20 खेल रहे 37 साल के इस क्रिकेटर ने कहा- ‘मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि IPL को बेस्ट बताने से मुझसे कोई नाराज है। मैंने वही कहा है, जो सच है। अगर आप मुझसे पूछेंगे कि आपको बेस्ट एन्वायर्नमेंट कहां मिलता है, तो मेरा जवाब होगा गद्दाफी स्टेडियम लाहौर। अगर आप पूछेंगे कि बेस्ट लीग कौन-सी लगती है तो मैं IPL का नाम लूंगा।
सवाल- पिछले हफ्ते आपने दुबई कैपिटल्स को आखिरी बॉल पर छक्का जमाकर जिताया, तब आपके दिमाग में क्या चल रहा था?
रजा- अपने आप से पॉजिटिव बातें कर रहा था। मुझे पता था कि हम हार गए तो टूर्नामेंट से बाहर हो सकते हैं। ऐसे में खुद से केवल यही कह रहा था कि सिंकदर कुछ भी हो जाए इस मैच को जीतना है, वरना घर लौटना पड़ेगा। उस समय मैंने अपने दिमाग में कोई निगेटिव सोच नहीं आने दी। बस मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि कुछ भी हो जाए हमें मैच जीतना ही है।
सवाल- IPL को दुनिया की बेस्ट लीग कहने पर आपको पाकिस्तानी फैंस खूब ट्रोल कर रहे हैं?
रजा- सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है, उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता है। कुछ बातें ऐसी भी चल रही हैं, जो मैंने बोली ही नहीं। मेरी बातों को गलत तरीके से सर्कुलेट किया जा रहा है। कुछ खुश हैं, कुछ नाराज हैं, या उनका गुस्सा मेरे ऊपर है, मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैने वहीं कहा जो सच है। सोशल मीडिया में कुछ लोग एजेंडा चलाते हैं, उसे आप बदल नहीं सकते हैं।
सवाल- क्या आप इस बात पर कायम हैं कि IPL दुनिया की बेस्ट लीग है?
रजा- IPL दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है। मुझे ऐसा नहीं लगता है कि इसमें किसी तरह का कोई झूठ है। अगर आप मेरे से पूछेंगे कि आपको बेस्ट एन्वायर्नमेंट कहां लगता है तो मेरा जवाब होगा कि गद्दाफी स्टेडियम लाहौर। वहां स्टेडियम हाउस फुल रहता है। मुझे लोगों का खूब सपोर्ट मिलता है। लोग वहां नाचते हैं, गाते हैं और खूब एंजॉय करते हैं।
अगर आप मुझसे पूछेंगे कि सिंकदर भाई आपको बेस्ट लीग कौन सी लगती है तो मैं IPL का नाम ही लूंगा। मेरा मानना है कि सभी लीग का अपना चार्म है। हम लोग तुलना और निगेटिविटी में घूमते हैं। मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं।
सवाल- भारत में बेस्ट एन्वायर्नमेंट कहां मिला?
रजा- मुझे मेरी उम्मीद से ज्यादा मोहब्बत, प्यार और इज्जत यहां मिली। मैं हमेशा इसका आभारी रहूंगा। अगर शहर की बात करूं तो मुझे चंडीगढ़ बहुत अच्छा लगा। मैं छोटे शहर से हूं। मुझे खामोशी और शांति ज्यादा पसंद है। चंडीगढ़ मुझे पसंद लगने का एक कारण ये भी है कि मैंने ज्यादा समय चंडीगढ़ में बिताया है। बिग सिटी में लाइफ ज्यादा फास्ट है। मुझे सबसे ज्यादा मजा चंडीगढ़ में आया।
सवाल- IPL दुनिया की बाकी लीग से कैसे अलग है?
रजा- IPL का सबसे बड़ा डिफरेंस ये है कि दुनिया के सभी बड़े क्रिकेटर इस लीग के लिए उपलब्ध रहते हैं। यहां आपकी क्वालिटी ऑफ क्रिकेट इम्प्रूव होती है। इस समय कोई भी इंटरनेशनल टूर्नामेंट या सीरीज नहीं होता है। मेरे विचार से IPL का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट स्टैंडर्ड वाइज यह है कि ओवरसीज प्लेयर्स होते हैं।
होम टूर्नामेंट होने से लोकल प्लेयर्स भी उपलब्ध होते हैं। इंडियन क्रिकेट की बात करें तो क्वालिटी काफी हाई है। मुझे सबसे बड़ा डिफरेंस यही लगा कि एक टूर्नामेंट के लिए दुनिया की सभी बड़े प्लेयर्स उलब्ध हैं। यही IPL का बिगेस्ट फैक्टर है।
सवाल- ILT20 का फ्यूचर कैसा देखते हैं?
रजा- ILT20 का फ्यूचर काफी ब्राइट है, क्योंकि दुबई क्रिकेट का एक बड़ा सेंटर बनता जा रहा है और दुबई क्रिकेट को प्रमोट भी कर रहा है। मैं कहूंगा कि बड़े प्लेयर्स आते रहें, लीग का स्टैंडर्ड ऊपर होता रहे। लोकल प्लेयर्स को मौका मिलता रहे और वे बेहतर करते रहें।
अब लीग में लोकल प्लेयर्स को ओपन करने का मौका मिल रहा है, वे पावरप्ले में बैटिंग कर रहे हैं, शुरुआत में कप्तान उन्हें नई बॉल थमा रहे हैं। कप्तानों का भरोसा लोकल प्लेयर्स पर बन रहा है। ये सब लीग के स्टैंडर्ड में ग्रोथ की वजह से हो रहा है।
सवाल- ILT20 में आपका प्रदर्शन अच्छा रहा है। इससे IPL में कितना फायदा मिलेगा?
रजा- मैं ILT20 इसलिए नहीं खेल रहा हूं कि PSL की तैयारी हो जाए। PSL इसलिए खेलूं कि उससे IPL की तैयारी हो जाए। IPL इसलिए खेलूं कि इंटरनेशनल की तैयारी हो जाए। मैं इस पर भरोसा नहीं करता हूं।
मेरा मानना है कि जिस टीम ने मुझे साइन किया है, उसी टीम के लिए मैं अपनी स्किल का प्रयोग करूं और उसे ट्रॉफी जिताऊं। अगर ट्रॉफी न भी जीत पाऊं तो फख्र से यह कह सकूं कि मैंने अपना बेस्ट दिया। उसके बाद अगर कोई अगला टूर्नामेंट है तो उस पर फोकस करूं।
सवाल- भारतीय टीम जुलाई में जिम्बाब्वे का दौरा करेगी। बड़े क्रिकेटिंग नेशंस का दौरा देश के क्रिकेट को कैसे बदलता है?
रजा- जब नए युवा भारत के खिलाफ खेलते हैं, तो बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्हें भारतीय प्लेयर्स से बात करने का मौका मिलता है। जब युवा गेंदबाज और बल्लेबाज भारतीय क्रिकेटरों के खिलाफ गेंदबाजी और बल्लेबाजी करते हैं, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। उनकी स्किल डेवलप होती है।
भारत हर दो साल के अंतराल में जिम्बाब्वे का दौरा करता है। इससे जो पैसा आता है, उससे नए क्रिकेटर्स के लिए प्रोग्राम चलाए जाते हैं। टैलेंट सर्च किया जाता है। अगर किसी संस्थान के पास पैसे नहीं आएंगे तो यह संभव नहीं है। भारत हमेशा जिम्बाब्वे का दोस्त रहा है।
सवाल- वनडे वर्ल्ड कप के बाद जिम्बाब्वे टी-20 वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई नहीं कर सका?
रजा- इसकी वजह मैं खुद हूं। मैं बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाया। अगर मैं बेहतर परफॉर्म करता, तो हम क्वालिफाई कर जाते। मेरा मानना है कि मैं रन थोड़ा ज्यादा कर सकता था और कुछ और विकेट ले सकता था।


