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पीबीएम अस्पताल की लापरवाही फिर आई सामने,कार्मिक की गलती का भुगतान भोग रहे परिजन

खुलासा न्यूज,बीकानेर। संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल पीबीएम में काम करने वालों की लापरवाही फिर सामने आई है। जिसके चलते एक परिवार को आज तक परेशानी उठानी पड़ रही है। मामला जनाना अस्पताल का है। जहां एक प्रसूता को अब तक यह भी पता नहीं है,कि उसके लड़का हुआ या लड़की। अगर पीबीएम के कागजों की माने तो उसमें भी गलतफहमी का विषय बना हुआ है। जिसमें पीबीएम के डिस्चार्ज कार्ड में मेल तो वहीं ममता कार्ड में लिखा है फिमेल। खुलासा को मिले साक्ष्यों नोखा निवासी प्रीति को 20 नवम्बर को पीबीएम में भर्ती करवाया। जिसके 21 नवम्बर को प्रसव हुआ। जहां उन्हें लड़की होने की सूचना दी गई। जिसके बाद 24 नवम्बर को प्रीति को डिस्चार्ज कार्ड मिला तो परिजनों के होश उड़ गये। इस डिस्चार्ज कार्ड लिंग में मेल पर राइट का निशान लगा हुआ था। ऐसे में परिजन सकते में आ गये। अब हालात यह है कि कागजी कार्यवाही की गफलत का खामियाजा परिजनों को भोगना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि जब पीबीएम की ओर से कन्या जन्म पर मिलने वाली राशि के लिये प्रीति के परिजनों को फोन किया गया तो उन्होंने इसके लिये अपने दस्तावेज दिये। जिस पर फिर से विवाद खड़ा हो गया और मेल फिमेल का चक्कर मिटाने के लिये अब प्रीति के परिजन पीबीएम के चक्कर निकालने को मजबूर है।
अस्पताल के कार्मिक निकलवा रहे है चक्कर
पीबीएम के कार्मिकों की गलती का खामियाजा प्रीति के परिजनों को इस रूप में भुगतना पड़ रहा है कि मेल-फिमेल का कागजी भेद मिटाने के लिये प्रीति के पति अस्पताल के अनुभागों के पिछले बीस दिनों से चक्कर काट रहे है। फिर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जबकि पीबीएम प्रशासन इसे मानवीय भूल मानकर अपने दायित्वों से मुंह मोड़ रहा है।
पूर्व में हो चुके है ऐसी गफलत
जनाना वार्ड में बच्चे बदलने की काफी घटनाएं हो चुकी है। अब डिस्चार्ज कार्ड व ममता कार्ड में मेल-फिमेल का कागजी गफलत परिजनों के लिये सिरदर्दी बन गई है। जिसको लेकर शिकायतें आने के बाद भी पीबीएम प्रशासन इसको गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिसके कारण बार बार ऐसी गलतियां होती है और इसका भुगतना पीडि़तों को भोगना पड़ता है।

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