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एनसीआरबी ने जारी किए आंकड़े, रेप मामलों में राजस्थान पहले पायदान पर

जयपुर. राजस्थान में अपराध किस तरीके से पैर पसार रहा है, इसकी बानगी पेश करते हैं साल 2021 के एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़े, जो बताते है कि राजस्थान में सबसे ज्यादा तो महिलाएं असुरक्षित हैं। महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म के मामलों ने राजस्थान को पहले पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया, जो कि राजस्थान की संस्कृति और यहां की परंपराओं को शर्मसार करती है। दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान ने एमपीए यूपी और असम को भी पीछे छोड़ दिया है। राजस्थान में साल 2021 में दुष्कर्म मामले देश के तीन राज्यों को मिलाने के बाद भी ज्यादा है।

दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान 2020 में आंकड़ों के लिहाज से सबसे ऊपर था। इसके बाद से दुष्कर्म और महिला हिंसा को लेकर अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक दुष्कर्म के 13 हजार 890 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 11,307 मामलों में हैवानों ने नाबालिग लड़कियों को अपना शिकार बनाया। पिछले दो साल में 12 साल से छोटी उम्र की 170 बच्चियों से भी दुष्कर्म के मामले सामने आए।

राजस्थान में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले दर्ज
राजस्थान में साल 2021 में कुल 6 हजार 337 दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज हुए, जो साल 2020 के मुकाबले करीब 1 हजार ज्यादा हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 और 2021 में राजस्थान में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में दुष्कर्म के मामलों में दूसरे नंबर पर है। साल 2021 में राजस्थान, एमपी के बाद महाराष्ट्र, यूपी और असम में सबसे अधिक मामले दर्ज हुए। एनसीआरबी के अनुसार यूपी में 2 हजार 845 दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज हुए। वहीं, महाराष्ट्र में 2 हजार 496 दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज हुए हैं। असम में 1733 जबकि दिल्ली में 1250 महिलाओं ने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करायी है।

क्या कहती है राजस्थान पुलिस
दरअसलए राजस्थान सरकार ने एक पॉलिसी भी बना रखी हैं, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अगर थाने में मुकदमा दर्ज नहीं होता है तो पीड़ित एसपी कार्यालय में संपर्क कर अधिकारियों से मिलेए एसपी कार्यालय के जरिये भी मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है, ऐसे में मुकदमा दर्ज करने वाले थानाप्रभारी पर भी कार्रवाई की जाती है। राजस्थान पुलिस कहती है कि बिना जांच पड़ताल के हर एक मामले को वरियता देकर दर्ज किये जाने के चलते आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि राजस्थान पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों की माने तो जनवरी से जुलाई तक जितने मुकदमे दर्ज हुए उनमें से 48 प्रतिशत मुकदमे जांच के बाद झूठे पाए गए थे।

बहरहाल एक ओर एनसीआरबी ने राजस्थान को देश में महिलाओं को लिए सबसे असुरक्षित राज्य बताया है, तो वहीं राजस्थान पुलिस अपने आंकड़ो में खुद को महिलाओ का हितैषी बताते हुए सभी मामलों को दर्ज करने की बात कही है। सच जो भी हो लेकिन एनसीआरबी की ओर से जारी आंकड़े पूरे विश्व में राजस्थान की छवि को खराब कर रहे हैं।

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