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तस्करों के घरों में पहुची एनसीबी, बड़ी मछली पकडऩे पर जोर

बीकानेर। भारत-पाक सीमा पर हेरोइन की सबसे बड़ी तस्करी को अंजाम देने वाले तस्करों की तलाश में पंजाब में छापेमारी तेज कर दी गई है। खाजूवाला में पकड़े गए तस्कर हरमेश और रूपा को लेकर एनसीबी पंजाब गई है। उनके घरों की तलाशी ली गई है। दोनों के आपराधिक रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। उनकी निशानदेही पर अन्य तस्करों की तलाश तेज कर दी गई है।
एनसीबी की ऑपरेशनल यूनिट और बीएसएफ ने मिलकर कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा था। हरमेश और रूपा से उनकी भी तस्दीक कराई जा रही है। दोनों का तीसरा साथी काला सिंह अब तक पकड़ में नहीं आया है। एनसीबी का दल उन अपराधियों का पता लगा रहा है, जो हेरोइन तस्करी में लिप्त हैं या पहले रह चुके हैं।
पंजाब से बीकानेर बॉर्डर तक पहुंचकर तस्करी की वारदात करने वाले तस्करों की चेन जोडऩे की कवायद की जा रही है। बीकानेर से बीएसएफ के अधिकारी भी पंजाब गए हैं। उन्होंने भी अपने स्तर पर छानबीन शुरू कर दी है। एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह का कहना है कि फिलहाल कोई नई गिरफ्तारी नहीं हुई है। छानबीन जारी है। जल्दी ही तस्कर पकड़ लिए जाएंगे।
गौरतलब है कि दो जून की रात ढाई बजे बीएसएफ 127 बटालियन की बंदली पोस्ट पर हेरोइन की तस्करी हुई थी। पाकिस्तान से आए पांच तस्करों ने कपड़े में बंधी 56 किलो हेरोइन तारबंदी से भारतीय सीमा में गिराई थी। बीएसएफ ने उन पर गोलियां चलाई तो फरार हो गए। हेरोइन की डिलीवरी लेने आए पंजाब के दो तस्कर भी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए, जो दूसरे दिन रात को कालूवाला के एक खेत में पकड़े गए।
पंजाब से खाजूवाला पहुंचने के लिए तस्करों ने चुना सेफ रूट
तस्करों को पंजाब से खाजूवाला पहुंचने में दो दिन लगे थे। श्रीगंगानगर के रास्ते वे बीकानेर पहुंचे। उन्हें पता था कि कोरोना के कारण लॉकडाउन होने से हाइवे पर नाके लगे है। पकड़े जाने के डर से वे गांवों में से होकर आए। हरमेश और रूपा से एनसीबी और बीएसएफ ने पूछताछ की तो यह बात भी सामने आई।
दोनों तस्करों ने बताया कि वे सडक़ की तरफ गए ही नहीं। गांवों में ही चलते रहे। रास्ता भटके तो गांव वालों की मदद भी ली। रास्ते में ढाबा या होटल खुला मिला तो वहां खाना भी खाया। तस्करों के बताए रास्तों की तहकीकात की जा रही है।
पाक तस्करों ने सेटेलाइट फोन के जरिए भी किया था संपर्क : पाकिस्तानी तस्कर सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए सेटेलाइट फोन का भी इस्तेमाल करते हैं। उनसे संपर्क करने के लिए पंजाब का एक तस्कर बीकानेर बॉर्डर पर अक्टूबर में आया था, जिसके पास सेटेलाइट फोन था। बाद में उसे पकड़ लिया गया था।

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