आरक्षण त्यागो के आह्वान के साथ16 फरवरी को पुष्करणा स्टेडियम में होगा राष्ट्रवादी स्वाभिमान समागम

आरक्षण त्यागो के आह्वान के साथ16 फरवरी को पुष्करणा स्टेडियम में होगा राष्ट्रवादी स्वाभिमान समागम

बीकानेर। मैं भारत हूं संगठन की ओर से 16 फरवरी को दोपहर 12 बजे नत्थूसर गेट के बाहर स्थित पुष्करणा स्टेडियम में राष्ट्रवादी स्वाभिमान समागम का आयोजन करने जा रहा है। यह जानकारी संगठन के संस्थापक सदस्य सम्पत सारस्वत ने शनिवार को क्राउन पार्क स्थित पत्रकार भवन में पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में आरक्षण की राष्ट्रीय समीक्षा सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जातिगत आरक्षण से देष को हो रहे नुकसान को लेकर प्रतिभाओं के स्वाभिमान की रक्षा के संदर्भ में आरक्षण को आर्थिक आधार पर किए जाने पर सहित अनेक मुददों पर अनेक संगठनों के पदाधिकारी खुली बातचीत करेंगे। उन्होंने बताया कि इस समागम के मुख्य वक्ता श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी होंगे। वहीं श्री राष्ट्रीय परषुराम सेना संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेष राणेजा, संकल्प क्रांति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेष कुमार पांडे, गौ रक्षा कमांडो फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.एस. टाइगर, भगवा रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेष नोरवा, ओम बन्ना टाइगर फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष माधुसिंह उद्दट, आजाद सेना दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक शुक्ला, श्री राष्ट्रीय परषुराम सेना संघ के राष्ट्रीय महासचिव राहुल पारीक, उड़ीसा से सामाजिक कार्यकर्ता षिप्रा चक्रवती तथा आरक्षण विरोधी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक यू.एस. राणा ठाकुर वक्ता होंगे। पत्रकार वार्ता में शामिल मैं भारत हूं के संस्थापक सदस्य एवं 1992 के आरक्षण आन्दोलन में सक्रिय रूप से जुडे डी.पी. जोषी एवं अप्रेल 2018 में भीम सेना के उपद्रव से बीकानेर में कोर्ट में हमले में घायल हुए एडवोकेट पंकज जोषी ने भी विचार रखें। गौरतलब है कि उस उपद्रव में घायल एडवोकेट जोषी के सिर में चोट लगने से 18 टांके आए थे। जातिगत आरक्षण के धुर विरोधी डी.पी. जोषी एवं पंकज जोषी ने प्रदेषवासियों से 16 फरवरी के राष्ट्रीय स्वाभिमान समागम में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होकर सरकार को ताकत दिखाने के लिए आह्वान किया है।
ये होंगे प्रमुख मुददे
– सम्पन्न आरक्षित लोग जो आजादी से लेकर अब तक जातिगत आरक्षण का फायदा उठा रहे हैं वो अपनी जाति के भाईयों के लिए जातिगत आरक्षण का त्याग करें।
– धर्म निरपेक्ष राष्ट्र होने के बावजूद सामाजिक समरसता पर कार्य क्यों नहीं।
– राष्ट्रीय समीक्षा हो कि आजादी के 73 साल बाद भी देष का 95 फीसदी दलित सरकारी सुविधा से वंचित क्यों।
– बाबा साहब अम्बेडकर ने जब जातिगत आरक्षण लागू किया था तो तमाम गरीब दलित समुदाय के लिए किया था पर आज भी उस आरक्षण का फायदा चंद सम्पन्न परिवार ही उठा रहे हैं जबकि बड़ा तबका आज भी आरक्षण से वंचित है।
– जो दलित आजादी के समय गरीब था वो और ज्यादा गरीब हो गया और जो दलित धनवान था वो और ज्यादा धनवान हो गया, इतनी बड़ी खाई बनने का कारण क्या है।
– आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर हो, क्योंकि गरीबी जाति देखकर नहीं आती।
– समान नागरिक अधिकार (यूसीसी) कानून लागू हो।

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