
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के पांच वर्ष” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन





बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के पांच वर्ष” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
पिछले पांच वर्षो में एनईपी ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति के रूप में हुई विकसित : प्रो.सुशील बिस्सु
बीकानेर, 07 अगस्त, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान (उच्च शिक्षा) संयुक्त तत्वावधान में “नीति से परिवर्तन तक : राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के पांच वर्ष” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संयोजक डॉ सुधीर भारद्वाज के संयोजन में हुआ। विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रो.सुशील बिस्सु, अखिल भारतीय संयोजक सेवा आयाम, अभारा शैक्षिक महासंघ, विशिष्ट अतिथि प्रो. दिग्विजय सिंह पश्चिम क्षेत्र प्रमुख, अभारा शैक्षिक महासंघ एवं अध्यक्षता प्रो.अखिल रंजन गर्ग कुलगुरू बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने की।
निदेशक अकादमिक डॉ यदुनाथ सिंह ने स्वागत उद्बोधन से सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस संगोष्ठी में विभिन्न शिक्षाविदों, उच्च शिक्षा विशेषज्ञों और हितधारकों ने भाग लिया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर एनईपी के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था में हुई उल्लेखनीय प्रगति की बीटीयू में शिक्षाविदों ने की समीक्षा करने के साथ एनईपी 2020 के कार्यान्वयन और प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की। संगोष्ठी संयोजक डॉ. सुधीर भारद्वाज ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
मुख्य वक्ता प्रो.सुशील बिस्सु ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने भारत की शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी, नवाचारी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की हैं। इस नीति ने भारत में व्यापक शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र पर गहन प्रभाव डाला हैं। साथ ही यह भारत को वैश्विक ज्ञान में महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के उदेश्य में सफल रही हैं। नई शिक्षा नीति आत्मनिर्भर, सशक्त, समृद्ध और सुरक्षित भारत की नींव है जिसने देश का भविष्य संवारा है। विशिष्ट अतिथि प्रो. दिग्विजय सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में इस नीति ने भारत में अधिक समावेशी, शिक्षार्थी-केंद्रित और भविष्य अनुरूप शिक्षा प्रणाली की नींव रखी है। आज इसके प्रभाव सार्थक सुधारों के माध्यम से सीखने के हर स्तर पर दिखाई दे रहा है जिसने भारत की नई शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण को रेखांकित किया है और उच्च शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी और गतिशील सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है।
कुलगुरु प्रो.अखिल रंजन गर्ग ने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। फलस्वरूप देशभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षा अधिक समावेशी और सुलभ हो गई है। अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नई पहलें शुरू हुई हैं, जिससे छात्रों को वैश्विक स्तर की शैक्षिक और व्यावसायिक क्षमताएँ हासिल हो रही हैं। यह उच्च शिक्षा को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाते हुए विकसित भारत@ 2047 के निर्माण में अहम भूमिका का निर्वाह कर रही है।

